शीर्षक:चाँद से दुश्मनी
लेखक: प्रमोद वर्मा (परमाणु)
साल 3038 पृथ्वी तबाह होने के बाद गिनती के 200 के करीब मानव ही बचे थे। पूरी पृथ्वी तबाह हो गई कुछ नहीं बचा सिर्फ़ राख औऱ पानी और कुछ पहाड़ जहाँ पेड़ थे। बचे हुए मानव ने वहीं से अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की
अब साल 3553, 500 साल बाद
पृथ्वी में मानव सभ्यता फिर से विकसित हो रहीं थी।
पर इतनी विकसित नहीं थे जितने की आज हैं।
मानव जो भी विकसित हो रहे थे वो नहीं जानते थे वो कहाँ से आए हैं और पहले पृथ्वी में क्या था, वह जानना चाहते थे इस लिए वह जमीन की खुदाई करते औऱ जो भी मिलता उसे देखते उसे जानते क्या हैं और उससे क्या किया जा सकता हैं।
अचानक खुदाई में उनको एक कंप्यूटर मिलता हैं जो सोलर से चार्ज हो रहा हैं। और वह चालू हालत में था।
सब उसे देखने लगे समझने लगे कि क्या हो सकता हैं यह, कैसा यंत्र हैं यह ,इसे चलाने से कही पृथ्वी तबाह तो नहीं हो जाएगी,या हम सब मर जायेंगे, लेक़िन जानने की उत्सुकता मानव को रोक नहीं पाती, इसी लिए एक नए हिम्मत कर के वह कंप्यूटर चालू कर दिया, चालू करने पर कंप्यूटर पर एक वीडियो रुका हुआ था जिसे, मानव ने प्ले कर दिया। प्ले करते ही उन्हें उस वीडियो में दिखा की, इंसान ने चाँद पर कब्ज़ा करने के लिए चले गए थे, पर वहाँ रह रहे एलियन लोग नहीं चाहते थे कि उनके ग्रह पर पृथ्वीवासी रहे इस लिए चाँद और पृथ्वी में घमासान युद्ध हुआ औऱ चाँद में रह रहे उन्नत तकनीक वाले एलियन ने एक मिसाइल से पूरा पृथ्वी नष्ट कर दिया।
यह देख वहाँ मौजूद सभी मानव अपने घर से बाहर निकल गए और ऊपर दिख रहे चाँद को देखने लगें। और अब उनमें एक डर हो गया वो हमेशा चाँद पर नज़र बनाए रहते की कहीं वो एलियन फिर से पृथ्वी पर हमला ना कर दे। और कभी चाँदवासी अगर पृथ्वी पर आते हैं तो उनसे कभी दुश्मनी नहीं करनी हैं, नहीं तो वह हमें फ़िर से मार देंगे , जैसा ही हमारे पूर्वजों ने इस यंत्र में एक वीडियो के माध्यम से हमें चेताया हैं।
यह कहानी यहीं ख़त्म होती हैं।
पर ज्ञान की बात
असल मे वह कंप्यूटर पर चलने वाला वीडियो एक हॉलीवुड फ़िल्म था, जिसे देख 3553 के पृथ्वीवासी डरे हुए थे, ऐसा ही कुछ हमारे साथ भी हुआ हो सकता हैं। उस समय में हॉलीवुड ने ऐसी मनोरंजन के लिए फ़िल्म बनाई की बिल्कुल सच लग रहीं थी, जिसे देख 3553 के मानव डर गए, ऐसा ही कुछ आज से हज़ारों साल पहले के लोग मनोरंजन के लिए दीवार पर कलाकारी करते थे मनोरंजन के लिए जिसे देख कुछ वैज्ञानिक एलियन और पता नहीं क्या क्या सोच बैठी हैं😊😁😂😅🙏
वैसे 3038 में पृथ्वी कैसे तबाह हुई थीं, इसकी वज़ह अभी 3554 तक पता नहीं चला हैं। लेक़िन उम्मीद करता हूँ मानव और विकसित होंगे और एक दिन वज़ह जान जाएंगे।