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सभी पात्र व घटनाएं काल्पनिक है इनका जीवन से कोई  संबंध नहीं हैलेखक डॉ आकाश कुमार का यह उपन्यास मोहब्बत का इंतजार पर आधारित हैमोहब्बत अंधी होती है जिसे हो जाए वह उसे पाने की बेपनाह कोशिश करता

दिनाँक : 16.4.2022समय।  :  शाम 6 बजेप्रिय डायरी जी,गांव में सड़क किनारे एक प्रॉपर्टी है। अब वहां से हाईवे निकल रहा है। एक अमीर इलोन मस्क  टाइप पहुच गया की भाई ये प्लाट तो हमे चाहिए। प्ला

दिनाँक: 15.4.2022समय : शाम 7 बजेप्रिय डायरी जी,हम सोचते थे कि व्हाट्सएप बड़े ही काम की चीज़ है। बहुत सी ऑफिसियल और सोशल बातें इसपर पर्सनली डिस्कस हो जातीं हैं। हमे तो इंस्टाग्राम और ट्विटर वगैरह एप एवें

*बाबा साहेब का असली मिशन*डा भीम राव अंबेडकर की जयंती पर नमन! बाबा साहेब के कुछ बुद्धजीवी अंधभक्त बाबा साहेब को बगैर पढ़े उनकी मूर्ती के गले या पोस्टर पर माला चढ़ा कर जय भीम, जय-जय भीम बोल कर अपना दायित्

"मेरे प्रिय मोबाइल फोन" तुम से ही पूजा तुम से ही आरती तुम से ही ज्ञान देती माँ भारती प्रियजनों के हमको लेने हों हालचाल या सखियों की बात सुन हों खुशी से मालामाल इमरजेंसी में जाना हो डॉक्टर के

मिशन :- वर्ष 2025 तक पूरे भारत को सौर ऊर्जा से रोशन करना* 



 *श्री राम का विवाह और राज्याभिषेक, दोनों शुभ मुहूर्त देख कर किए गए थे; फिर भी न वैवाहिक जी

 *श्री राम का विवाह और राज्याभिषेक, दोनों शुभ मुहूर्त देख कर किए गए थे; फिर भी न वैवाहिक जीवन सफल हुआ, न ही राज्याभिषेक*और जब मुनि वशिष्ठ से इसका उत्तर मांगा गया, तो उन्होंने स्पष्ट कह दिया -*सुन

जनता चाहती है सुलह हो जायें,अपनों की हम खोज करें।हमारे सपने खत्म हो गये,कुछ ने सपनों की खोज करें।बहुत हो गया कुर्सी वालों,अब तुम युद्ध विराम करो।बहुत सह चुकी निर्दोष जनता,अब क्यों तुम संग्राम करो।बहुत

बड़ी मुश्किल से इकठ्ठा किये थे थोड़े से रूपये जमा किये थे जमीन बेच कर सारे रूपये एजेंट को समर्पित किये थे बेटी को विदेश भेजने के बाप ने सारे इन्तजाम किये थे महीनो धक्के-मुक्के खाए थे ऑफ़िसो के चक्कर

अपनी जिद पर अडे हुए हैं,सीना ताने खड़े हुए हैं।यह विनाश की लीला कैसी,जन जीवन की लील रहे हैं।ओलों जैसी बरस रही है, जिंदगी जीवन को तरस रही है।भय सीने में दबा हुआ है, लाशें जलने को तरस रही है।म

हर जीत पर हर गीत परमेरे देश की महिमा छायी है, लहराता ये अपना तिरंगागौरवमय घडी आई है। आजादी की वर्षगांठ पर फिर देश में रौनक आई है, संकल्प करें फिर से मन मेंहर व्यक्ति अपना भाई

डा अम्बेडकर ने कहा था,,मुट्ठी भर लोगो द्वारा बहुसंख्यक जनता का शोषण इसलिए संभव हो रहा है की पैदावार के संसाधन ,जैसे जल ,जंगम ,जमीन, खादान, उद्योग धंधों ,कल कारखानों, यातायात के संसाधान,बैंक इत्यादि पर

दिनाँक : 21.03.2022समय। : रात 10 बजेप्रिय डायरी,कविता ज्यों तिमिर में प्रकाश-पुंजकविता मन की आवाज की गूंज।कविता किंचित शब्दों से करती प्रहार,कविता मनोभावों का सुमधुर उदगार।।       

हम ना झुकेंगे, तुम ना रूकेंगे, देखें कितना दम है ।तुम नहीं कम हो यहां पर,हम नहीं क्या कम है।धधक रही है धरा हमारी,तेरी घोर मिसाइलों से।कितना तुझे घमंड हुआ है,क्या भिड़ा है तू कायरों से।हम भी तेरी ताकत

जंगसूनी आंखें देख रही है ,जीवन का संग्राम,पल-पल बीत रहा है,नहीं कोई अंजाम,आशाओं का दीप बुझा है,निराशाओं का पैगाम,कैसे इंसान जिएभगवान बस तेरा है नाम।

विकास से विनाश की तरफ कदमबढ़ाया है,इंसान स्वयं विनाश का कुंडी खटखटायाहै ।चारों तरफ हाहाकार है,परमाणु युद्ध के मुहाने पर विश्वसमुदाय है ।क्या होगा जब परमाणु युद्ध शुरू होजायेगा ।दुनिया अपने ही विनाश का

नफरतों के सौदागर कहां प्रेम कीबात करते हैं,वे तो अहंकार में सिर्फ हिंसा मेंविश्वास करते हैं,युद्ध के मुहाने पर विश्व खड़ा है,यूक्रेन रूस की निगाहों में गड़ा है,गोला बारी तबाही में अवाम खड़ी है,जीवन का

तिथि-15/03/2022दिन-मंगलवारसमय-02.37 दोपहर🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹कैसी हो सखी 😍😍मैं ठीक हूं बच्ची, तुम बताओ 😊😊मैं बिल्कुल ठीक हूं और आज सुबह से मैं खुब गाना सुनी हूं और डांस किया है।❤️❤️❤

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