आसमान की ऊँचाइयों में उड़ता था बाज़, जो समझता था कि वह आसमान का ही राजा है। उसकी निगाहें थीं चाकू, और नज़र थी तेज, जैसे वह किसी भी शिकार को देख सकता है अंत तक। उसके पंखों में थी शक्ति और ताकत, और
धरती के गोद में घुमता था एक सर्प, अपनी लम्बी बड़ी चाल में था अधिक अभिश्रांत। उसकी आँखों में था कुछ अनोखा सा तेज, जैसे वह जानता हो कि उसका खेल ज्यादा भयानक होगा। उसने कुछ देर चलते हुए एक चूहे को पक