आसमान की ऊँचाइयों में उड़ता था बाज़,
जो समझता था कि वह आसमान का ही राजा है।
उसकी निगाहें थीं चाकू, और नज़र थी तेज,
जैसे वह किसी भी शिकार को देख सकता है अंत तक।
उसके पंखों में थी शक्ति और ताकत,
और वह उड़ता था आसमान में बिना किसी संकट।
जैसे वह आसमान को चूमता हुआ उड़ता था,
इसी तरह उसकी आवाज़ सुनते ही जानवर डर जाते थे खड़े खड़े ही।
बाज़ का स्वभाव था अद्भुत,
और वह किसी भी शिकार को छोड़ नहीं पाता था।
जैसे वह एक शिकार को पकड़ लेता था,
उसकी आँखों में था खुशी का भाव और तरंग।
बाज़ की आँखों में था नज़र सभी का,
और वह उड़ता था उसी की उड़ान में जो उसे दिया गया था।
जैसे वह आसमान के ऊपर उड़ता था,
इसी तरह उसकी आवाज़ आसमान के हर कोने तक पहुंच जाती थी।
बाज़ था एक आक्रमक और बहादुर,
और उसके पंखों में थी उसकी सबसे अच्छी निशानी।