इस संग्रह में पशु पक्षिओ और संवेदनाओ के प्रति कविताये है. साभार
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धरती के गोद में घुमता था एक सर्प, अपनी लम्बी बड़ी चाल में था अधिक अभिश्रांत। उसकी आँखों में था कुछ अनोखा सा तेज, जैसे वह जानता हो कि उसका खेल ज्यादा भयानक होगा। उसने कुछ देर चलते हुए एक चूहे को पक
आसमान की ऊँचाइयों में उड़ता था बाज़, जो समझता था कि वह आसमान का ही राजा है। उसकी निगाहें थीं चाकू, और नज़र थी तेज, जैसे वह किसी भी शिकार को देख सकता है अंत तक। उसके पंखों में थी शक्ति और ताकत, और
विज्ञान बेहतर है विश्वास से, अंधविश्वास से अधिक विश्वासयोग्य है। विश्वास के आधार पर नहीं चलता विश्व, ज्ञान की तरह निरंतर बढ़ता है विज्ञान का संघर्ष। धर्म और अनुष्ठानों के प्रचार में अटका हुआ है मन
छोटी चिड़िया छोटा घर, पंख लपलपाते उधर, फूलों के बीच उड़ जाती, फिर प्यारी सी आवाज़ बनाती। चिर-चिर-चिर, क्या करती हो, ढूँढ रही हो अपना शोर, क्या ढूँढती हो इतनी शक्ति, स्वर्ग की आपर्णा या संसार की
एक छोटी सी बच्ची थी, जो दिन भर खेलती थी। गिलहरी से वह खेलती थी, उसके साथ हमेशा रहती थी। उस बच्ची की नादान नैया, गिलहरी के साथ बहती जाती थी। गिलहरी को वह अपनी दोस्त मानती थी, बच्ची की हर खुशी मे
कुत्ता था एक खुश रहने वाला, घूमता फिरता जहाँ भी चाहता। उसे दोस्त चाहिए थे जी भर के, कुछ खास दोस्त जो हमेशा रहते। उसे मिली एक बिल्ली से रास्ता, जो सुन्दर थी और थोड़ी दुर्बल। कुत्ता सोचा कि उससे द
आसमान में फुर से उड़ती तितलियों की खुशनुमा आवाज़, प्रकृति के रंगों से सजी इन तितलियों की सौंदर्य का नाज़, खुली आसमान के नीचे अपनी नई दुनिया का निर्माण करती तितलियां, इनकी छोटी-छोटी पंखों से उड़ान भ
बहुत सी चींटियां और मक्खियां होती हैं, गूंजती उनकी आवाज़ में होता हैं जीवन का सारा राज़। चींटी की चाल नाज़ुक होती हैं, वो भरती अपनी पेटी आशा से भरती हैं। इसके खिलौने बचपन की याद दिलाते हैं, कभी च
एक दिन खरगोश और लोमड़ी, मिल कर घूम रहे थे आम की बाग़ में। खरगोश बहुत ऊँचे झाड़ियों के पास था, जबकि लोमड़ी नीचे घास के मैदान में थी। खरगोश बोला, "हमें अपने आप को स्वस्थ रखना चाहिए। दौड़ने और खेलने
उड़ता हुआ मोरपंख नजर आता है, अद्भुत रंगों में सजा इसका सफ़र है। आसमान की ऊँचाइयों में लहराता है, अपनी कल्पनाओं का खुला दरवाज़ा है। ये मोरपंख किसी से नहीं डरता, आज़ादी का संदेश दुनिया को देता है।
धर्म का रक्षक बनना हमारा कर्तव्य है, पर राजनीति के खेल में अपना दिल न लगाये। धर्म दूसरों के लिए जीने की शिक्षा देता है, पर राजनीति अपने हित के लिए सब कुछ कर जाती है। धर्म ने जीवन को समझाया है, पर
गधे को तो कोई नहीं जानता है, वह भूरा और चौड़ा, भारी होता है। उसकी खुर्री फिसलती रहती है, फिर भी वह अपनी जगह से हटता नहीं है। एक दिन गधा सोते हुए था, आसपास खाली-खाली था। तभी वहां से एक कुत्ता गुज
डरावनी काली बिल्ली रात के अंधेरे में, अपनी विशाल आंखों से सबको देती हैं डरावनी नजरें। जब वह भटकती हैं सड़कों पर, तो लोग उससे डरते हैं, क्योंकि उसकी काली त्वचा और भावों से भरी आंखें हैं उसके साथ। ब
गुलाब के फूलों में जो सबसे खूबसूरत होते हैं, वह अपने रंग की वजह से लोगों के दिलों में रहते हैं। लेकिन कुछ फूल होते हैं जो काले होते हैं, जो लोगों के मन में अजीब से ख़याल जगाते हैं। उनमें से एक होत
जंगल का देवता हूँ मैं, प्रकृति का रक्षक हूँ मैं। यहाँ घने जंगलों में, मैं सदा निवास करता हूँ। मेरी आवाज आई धरती से, बारिश के पानी में घुलता हूँ। जंगल की हर जीवित चीज़, मेरे बिना अधूरा है रहता।
एक थे राम-एक था रावण, दोनों अपनी-अपनी जगह शक्तिशाली। रावण के पास - सोने की लंका, तो राम के पास - सम्पूर्ण धरा। रावण के पास - विभिषण, तो राम के पास - भरत। रावण के पास - अहंकार, तो राम के पास - न
दिल की गहराइयों में बसा है ख़ुदा, मेरे रब का नूर जगमगाता है। तन्हाईयों में आवाज़ बन कर, मेरे दिल को चैन से सुलाता है। इश्क़ की राहों पर चलते चलते, अपने आप को खो दिया हैं। उस एक बाबा की आवाज़ म
रात के अंधेरे में काफिर हूं मैं, फिर भी न जाने क्यों डरता है दिल मेरा। खुदा को न मानूं कभी, फिर भी न जानें क्यूं, हर घडी़ याद क्यों, दिल करता है मेरा। मुझे पता नहीं, कौन है तू, ऐ खुदा। पर जो भी है तू,
धड़कन है मन का संगीत, धुन अज्ञात से अनजान तक। जीवन की एक अनमोल सूत्र, जिसमें छुपी हैं अनगिनत रहस्यमयी बात। कहती है धड़कन, "चलो चलें, आत्मा के अंतर्द्वंद्वों के रास्ते। अवगुणों से परे निकलें, सत
बचपन घूमता था, घर की परिधी के भीतर। जहां थे बहुत सारे, जाने-पहचाने चेहरे। कुछ जवान - कुछ बुजुर्ग। जो थे मुझे बहुत प्यारे। कुछ मुझे बहलाते थे। और कुछ डराते थे। कुछ सुनाते थे कहानियां, जो मुझे ले जाती,
मेरी दिल की बातें, समझने वाला, मुझसे बेहतर, कोई और नहीं। आपकी दिल की बातें, मुझसे कुछ, अलग नही। ख्याल रखूंगा, हर घड़ी तेरी, हर धड़कन का। छू लूंगा तेरी, रूह को इस कदर, कहने को सिर्फ, खामोशी होगी। तुम ह
साथी मेरा, प्यारा मन। रहता हरपल, साथ हरदम। कभी दुलारे, कभी निहारे। कभी पुकारे, सुन हमदम। बाहरी साथी, छोड़ते साथ। छोड़ देते, पकड़ा हाथ। तोड़ते दिल, तोड़ते जज्बात। मेरा मन, न छोड़े साथ। न तोड़े दिल, न छ
एक था जादूगर, दिखाता था वो रंगीन दुनिया। खेत खलिहान, और दूध की नदियां। चारो ओर खुशियों, की बहार। जादूगर का जादू, थे जो कुछ खास। रहते थे जो सदा, उसके पास। करता था उन पर ही काम, बाकी सब मुरख और अनजान। ज
अनबनी बारिश है कुछ ऐसी, जिसका कुछ पता नहीं। कब बरसे, कब निकल जाए सूरज। गर्मी का मौसम, उम्मीद जगाते बादल। न जाने कब बरस पड़े, लेकर ठंडी हवा का कलेवर। अनबनी बारिश है कुछ ऐसी, जिसका कुछ पता नहीं। बूंदा ब
गलती से छुटकारा पाना है मुश्किल, क्या गलत है और क्या सही, कह पाना है मुश्किल। यहां सबके अपने स्वार्थ है, दुनिया के सुंदर पदार्थ है। आदम और हव्वा ने क्या गलत किया, मात्र एक फल जो वो खा लिया। जिसके लिए
छू लेने की ख्वाहिश है, जज्बातों को तेरे। क्या वो हसीन पल होगा, जब तुम होगी और मै हूंगा। तन्हाइयो का वो, मंजर होगा। हाथ में हाथ होगा, मोहब्बत का वो, हर पल होगा। जरा सी आहट भी, जुदा करेगी न हमको। इस धरत
कभी कभी मुझे ख्याल आता है, की ऐसा होता तो क्या होता, वैसा होता तो क्या होता। मेरा जीवन कोरा कागज, कोरा ही रह गया। फिर एक दिन मेरी जिंदगी में हेमा आई, जीवन में फिर रंगत छाई। सुबह शाम बाते होती थी, छुप
सफेद कागज हो या हो मन, जब तक है खाली, कितना लगता है प्यारा। फिर भी उसके भरने को, करता है दिल। कुछ रंगीन तस्वीरे, कुछ शब्द, कुछ कहानियां, और कुछ कविताएं। कभी गणित के मुश्किल सवाल, कभी विज्ञान की बाते।
कुछ हैं शब्द, कुछ हैं भाव, सिर्फ तुम्हारे लिए। कुछ हैं यादें, कुछ है वादे, सिर्फ तुम्हारे लिए। कुछ है चाहतें, कुछ मुस्कुराहटें, सिर्फ तुम्हारे लिए। कुछ है शाम, कुछ है ज़ाम, सिर्फ तुम्हारे लिए। कुछ अनक
वो आकाश, जो मेरे दिल को छू जाता है, जो होता है कभी, बादलो से भरा, तो कभी खाली। कभी करता वो वादे, बरसती बूंदों संग, उन ठंडी हवाओ का। जो करता है पसंद, दिल मेरा। मगर न जाने क्यों, ये आकाश तोड़ता दिल, न ज
वो लाल डायरी, जिसमे लिखे हैं वो राज। जिसे बताना चाहता, न कोई कभी। कुछ काले कारनामे, सफेद पोशाक की आड़। वो लाल डायरी, जो बहुत है खास। जिसमे लिखे है, कई राज। कुछ मजेदार, कुछ खतरनाक। कुछ नाम है, जो है खा
हीरा एक कीमती पत्थर, जिसकी चमक से, चौंधिया जाती, सबकी आंखे और दिल। ये चमकीला पत्थर, है इतना अदभुद। कर देता ये पत्थर, सबकी आंखों ओर दिलों को। इसकी कीमत है, बहुत अधिक। जो खरीद सकती है, कइयों की सालों की