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सर्प

14 अप्रैल 2023

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धरती के गोद में घुमता था एक सर्प,
अपनी लम्बी बड़ी चाल में था अधिक अभिश्रांत।
उसकी आँखों में था कुछ अनोखा सा तेज,
जैसे वह जानता हो कि उसका खेल ज्यादा भयानक होगा।

उसने कुछ देर चलते हुए एक चूहे को पकड़ा,
और उसके चमड़े से बनी थी उसकी आशा।
जैसे ही वह उसे निगलने के लिए खोला अपना मुँह,
सर्प ने उसे छोड़ दिया, और फिर उसे चले जाने दिया।

यह दिखता है कि सर्प था बड़ा दयालु,
और वह किसी जीव के भीतर जो दूसरों को दिखाई नहीं देता हो।
जैसे वह चूहे को छोड़ दिया था,
इसी तरह उसने किसी व्यक्ति को भी अपनी भयानकता नहीं दिखाई।

सर्प की बड़ी चाल में था कुछ निर्भीकता,
और यह देखकर लगता है कि उसे दुनिया से कुछ नहीं डरता।
उसका स्वभाव था बड़ा अद्भुत,
और वह था एक सर्प, जो दूसरों के लिए हमेशा से रहस्यमय रहा। 

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रचनाएँ
कविताओं की दुनिया
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इस संग्रह में पशु पक्षिओ और संवेदनाओ के प्रति कविताये है. साभार
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14 अप्रैल 2023
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बाज़

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एक छोटी सी बच्ची थी, जो दिन भर खेलती थी। गिलहरी से वह खेलती थी, उसके साथ हमेशा रहती थी। उस बच्ची की नादान नैया, गिलहरी के साथ बहती जाती थी। गिलहरी को वह अपनी दोस्त मानती थी, बच्ची की हर खुशी मे

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उड़ता हुआ मोरपंख नजर आता है, अद्भुत रंगों में सजा इसका सफ़र है। आसमान की ऊँचाइयों में लहराता है, अपनी कल्पनाओं का खुला दरवाज़ा है। ये मोरपंख किसी से नहीं डरता, आज़ादी का संदेश दुनिया को देता है।

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धड़कन है मन का संगीत, धुन अज्ञात से अनजान तक। जीवन की एक अनमोल सूत्र, जिसमें छुपी हैं अनगिनत रहस्यमयी बात। कहती है धड़कन, "चलो चलें, आत्मा के अंतर्द्वंद्वों के रास्ते। अवगुणों से परे निकलें, सत

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