दुनिया में अगर आपको ऊंचा उठना है तो अपनी उड़ान भरने से पहले एक बार उड़ते पंछियों को देखना, उनके हौसलों से सीखना, और फिर अपनी अपने सपनों की उड़ान भरना। वह जानते हैं कि ऊंचा उडना है और उसके लिए वह अपने पंख भी पसारते हैं। पर चाहे जितनी लंबी उड़ान भर लें उन्हें पता होता है कि शाम ढलते ही उन्हें फिर जमीन पर बने अपने घोसलों में जाना है और पूरी रात वहां ठहर कर सूरज उठते ही फिर अपनी एक नई उड़ान भरनी है।
हमारा जीवन भी इन पंछियों की उड़ान की तो ही है। हम चाहे जितना बड़ा बन जाए चाहे जितनी लंबी उड़ान भर लें यह बात हमें कभी नहीं भूलनी चाहिए की लौट कर हमें अपने आशियाने में अपने परिवार के पास ही आना है।
मेरी कलम से
मनीषा अग्रवाल।