देश का दुर्भाग्य देखिए सर्वोच्च पदों पर आसीन व्यक्ति की उम्र की कोई सीमा नही चाहे वह राष्ट्रपति हो, प्रधानमंत्री हो, मंत्रीमण्डल का सदस्य हो या एम.पी. एम.एल.ए. हो या इसके अतिरिक्त अन्य कोई संवैधानिक पद धारित करता हो जिसमें उम्र का बंधन न हो अथवा 65 वर्ष की आयु तक सेवा का लाभ उठा सकता हो पर अंकुश न लगाकर सरकार अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों के पर कतरने को तैयार है जो बेहद अफसोस जनक व आपत्ती पूर्ण है जिसकी सर्वत्र भर्त्सना होनी चाहिए।