लिंगदोह समिति की सिफारिशे दरकिनार...........................
इलाहाबाद विश्वविद्यालय व इसके संघटक कालेजो में छात्रसंघ चुनाव का विगुल बज गया है तथा निर्वाचन प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। कितना खेदजनक है कि पूर्व का आक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर, एन.डी.तिवारी ,जनेश्वर मिश्रा ,शिवशंकर पाण्डेय, रामाधीन सिंह, अनुग्रह नरायण सिंह, राकेशधर त्रिपाठी, के.के. राय व लालबहादुर सिंह आदि के हाँथों में रहा है पर आज अपराधियों ठेकेदारों व लम्पटो का कब्ज़ा है जो कालेज का पदाधिकारी बन नर्सिंग होम्स , कोचिंग सेन्टर, होटल्स व अन्य सार्वजनिक / व्याक्तिगत उद्यम से चन्दा वसूली का लाईसेन्स प्राप्त कर लोगों से चन्दा वसूली अभियान चलाकर अपनी जेबे भर रहे हैं। । आज उनके भय के कारण तमाम कोचिंग सस्थानों ने चुनाव अवधि तक अपने संस्थान को बंद कर दिया I जैसे-जैसे चुनाव परिवान चढ़ेगा वैसे -वैसे नगर में लूटमार, छिनैती, व हत्याएँ बढ़ेगी क्योंकि लिंगदोह समिति ने चुनाव खर्च सीमा रूपया पाँच हजार कर दी है जबकि चुनाव में खर्च हो रहे हैं रुपया पाँच लाख कि भरपाई भी तो करनी है।