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दीवाली

10 नवम्बर 2015

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सभी देश वाशियो  को मेरी तरफ से दीवाली  की  राम राम 
सुखमंगल सिंह

सुखमंगल सिंह

"दीवाली पर्व " --------------- झुर-झुर बहत पुरुवैया दीपावली सुखद सुहावन , दीप सबके सजे अगनईया औ मिठाई लुभावन | झिलमिल -झिलमिल दीप टीमटिमात मनभावन , मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा सजे आसमा सुहावन | कुंजों में,उपवन में शांति भुवन सुखधाम दिखावन, गुरुजन परिजन ध्येय धन्य दी गुणगान लुटावन | अयोध्या- मथुरा -काशी- प्रयाग धाम मनभावन, धनवंतरी पहले पहल आए गाँव - गाँव बतावन | बाहर - भीतर सखी औ साजन शोभा बढ़त पावन , दीप प्रज्वलित घी तेल बाती से ठाँव -ठाँव दिखावन | रीझ -खीज स्वार्थ सब भूली सुखदायक सुख आँगन , छबि निरखत 'मंगल' मोहन मन कुंज कुंज पावन | छोरी - गोरी दीप जलावत गावत विनोद मनभावन, झुर-झुर बहत पुरुवैया दीपावली सुखद सुहावन || - सुखमंगल सिंह ,वाराणसी , यू पी.

6 मई 2019

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