आज लोग ऐसी जिंदगी को जी रहे हैं जिसका कोई महत्त्व नहीं हैं । दिखावा ही उनकी जिंदगी है, सादगी और ज़मीन से जुड़े लोगों की कोई कद्र नहीं है ये सब देखकर दिल रोता है , कि इंसान को जीवन का असली महत्व कब समझ आयेगा ।वो इस ज़मीनी दुनिया से कब बाहर निकलेगा ?निकलेगा भी या नहीं? यह प्रश्न हमेशा दुःखी करता है। आखिर कब पोथी में लिखी गई व्यवहार की बातें कब सच होंगी। आज का एक किस्सा है सुबह गुरु गोविंद का पाठ होता है जो अच्छे विचार के लिए किया जाता है कि लोग अपना सकें लेकिन लोगों ने उन विचारों को पाठ को सिर्फ अपनी दौलत को दिखाने के लिए कराया कि मैंने ये घर लिया है और ये बाहर किसी ने भी बाबाजी की गुरुबाणी के बारे में बात नहींकि ये दुनिया सिर्फ दिखावे की है इसलिए भगवान भी लोगों को ये दुनिया दिखाता ही है और फिर छीन लेता है क्योंकि दिखावा थोड़े समय के लिए होता है।