तेरे दो नयना, देखे मुझे ऐसे जैसे इनको है कुछ कहना | कहने को कुछ है है नहीं तेरी आंखो की भाषा, जो थी वो पहले से पड़ ही ली दिल तेरा अब है ही नहीं साया मेरा ही रहा अब सोच मत इतना भी यहीं देकर तूने एहसान ये किया जो मेरा था ही नहीं जो मेरा था ही नहीं माना तू गैर नहीं
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