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Manju के बारे में

शब्दों का कोई मोल ना बंदे शब्द है अनमोल, रे नाप तोल के बोल तू बन बड़े अनमोल रे़ सोच समझ के बोल तू बंदे शब्द है अनमोल रे

पुरस्कार और सम्मान

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-04-21
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Manju की पुस्तकें

प्रार्थना

प्रार्थना

🔴"यदि आप किसी चीज़ के लिए प्रार्थना करने के लिए प्रार्थना करते हैं, तो यह प्रार्थना नहीं है। जब आप किसी चीज़ के लिए उसे धन्यवाद देने के लिए प्रार्थना करते हैं, तभी वह प्रार्थना होती है। प्रार्थना हमेशा एक धन्यवाद होती है। यदि आप कुछ मांगते हैं, तो प्

6 पाठक
12 रचनाएँ

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प्रार्थना

प्रार्थना

🔴"यदि आप किसी चीज़ के लिए प्रार्थना करने के लिए प्रार्थना करते हैं, तो यह प्रार्थना नहीं है। जब आप किसी चीज़ के लिए उसे धन्यवाद देने के लिए प्रार्थना करते हैं, तभी वह प्रार्थना होती है। प्रार्थना हमेशा एक धन्यवाद होती है। यदि आप कुछ मांगते हैं, तो प्

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लेखक

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सभी लेखकों से अनुरोध है लेखक के विचारो को पढ़े समझे उन्हे प्रतिक्रिया दे जिससे उन सभी लेखकों का मनोबल बढ़े और नई नई रचनाएं लिखे आप सभी के लिए लिखना एक शोख ही नहीं अपने विचार सभी तक पहुंचाने का जरिया भी है 🙏🙏🙏

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दो नयना

दो नयना

तेरे दो नयना, देखे मुझे ऐसे जैसे इनको है कुछ कहना | कहने को कुछ है है नहीं तेरी आंखो की भाषा, जो थी वो पहले से पड़ ही ली दिल तेरा अब है ही नहीं साया मेरा ही रहा अब सोच मत इतना भी यहीं देकर तूने एहसान ये किया जो मेरा था ही नहीं जो मेरा था ही नहीं

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दो नयना

दो नयना

तेरे दो नयना, देखे मुझे ऐसे जैसे इनको है कुछ कहना | कहने को कुछ है है नहीं तेरी आंखो की भाषा, जो थी वो पहले से पड़ ही ली दिल तेरा अब है ही नहीं साया मेरा ही रहा अब सोच मत इतना भी यहीं देकर तूने एहसान ये किया जो मेरा था ही नहीं जो मेरा था ही नहीं

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कविता रंग

कविता रंग

रंग दे तू अपने ही शब्दो के परे बिखरे रंग तेरे हर शब्द से छिटके वो रंग तेरे हर शब्द से ऐसा वो रंग हो बिन कहे वो संग हो शब्दो के अहसास से परे शहद की मिठास से परे कुछ बिखर कर देखना कुछ निखर कर देखना आंखो से ओझल भी न हो और नजरो में शामिल भी ना हो खुमार

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कविता रंग

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रंग दे तू अपने ही शब्दो के परे बिखरे रंग तेरे हर शब्द से छिटके वो रंग तेरे हर शब्द से ऐसा वो रंग हो बिन कहे वो संग हो शब्दो के अहसास से परे शहद की मिठास से परे कुछ बिखर कर देखना कुछ निखर कर देखना आंखो से ओझल भी न हो और नजरो में शामिल भी ना हो खुमार

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कुदरत का नियम

कुदरत का नियम

जरा सा तुम झुक जाओ जरा सा तुम रुक जाओ देखना फिर एक दिन अभिमान तुम्हारा मिट जाएगा स्वाभिमान कहीं नहीं जाएगा जरा जरा सा झुक जाना तुम गरुर बस मिट जाएगा कोई जब तुम अपने कदमों में झुक जाना झुकने का कभी अभिमान ना आ पाएगा मिट जाना है सब एक दिन है

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कुदरत का नियम

कुदरत का नियम

जरा सा तुम झुक जाओ जरा सा तुम रुक जाओ देखना फिर एक दिन अभिमान तुम्हारा मिट जाएगा स्वाभिमान कहीं नहीं जाएगा जरा जरा सा झुक जाना तुम गरुर बस मिट जाएगा कोई जब तुम अपने कदमों में झुक जाना झुकने का कभी अभिमान ना आ पाएगा मिट जाना है सब एक दिन है

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Manju के लेख

परमात्मा

4 मई 2022
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3

परमात्माप्रेम है एक अनुभूति है भगवान का अर्थ किसी व्यक्ति से नहीं है ।इसलिए यह न पूछें कि उसकी शक्ल क्या है औरवह कैसे रहता है ?भगवान से अर्थ है एक अनुभूति का ।कोई नहीं पूछता है कि प्रेम कैसा है औ

वफादार

4 मई 2022
1
0

उसका मासूम चेहरा देख जिसको उसका हर दर्द कम हो जाताआंखे कहती मुझसे मासूम कोई नही कर शरारत चुपके से वो छिप जाताउसके रहते ना कोई उसको कोई छू पाता घर से जाने पर जब तक वो वापस ना आ जाए वो वहीदरवाजे पर पहरे

लियाना 🐕

4 मई 2022
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2

कितनी प्यारी सी मुस्कान वाली में लाडली है लियाना घर में घुसते ही अपना जो प्यार ये दिखती लाड ही अलग ये करजाती जैसे जन्मों का रिश्ता हो कोई इस से मिल के अपना प्यार जताती जिसके लिए शब्द ही काम है इतनी प्

जितना दोगे उतना पाओगे

2 मई 2022
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7

कुछ पाना है कुछखोना भी सीखेएक सांस ही आती तो एक सांस है जातीप्रकृति के नियम तो बहुत कड़े है चलना तो होगा हीपत्ते गिरते है शाखाओं से तभी नवी कोपल फूट है पाती हैजो देता है पाता भी वही कु

लेखक

1 मई 2022
3
5

लेखक की कलम बोलती है लेखक तो कम ही बोलते मिलेंगे

एहसासो से परे

30 अप्रैल 2022
1
3

यू ही नहीं मिलता कोई लाखो करोड़ों की भीड़ में कितने जन्मों से तरसा होगा वो भी कितने पल मरा होगाजब जाके कही मिला होगा यूंही अनजान राही बन तब कही छिपा होगा ऐसा वो रह

चैतन्य

28 अप्रैल 2022
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कहते हैः- जैसे तिल में तेल समाया रहता है, वैसे ही इस जड़ शरीर में चैतन्य का वास है।चैतन्य की शक्ति से ही ये जड़ शरीर,हिलता-डुलता, चलता

ईश्वर और कृपा

27 अप्रैल 2022
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ईश्वर “टूटी” हुई चीज़ों का इस्तेमाल कितनी ख़ूबसूरती से करता है ..जैसे , बादल टूटने पर पानी की फुहार आती है ……मिट्टी टूटने पर खेत का रुप लेती है….फल के टूटने पर बीज अंकुरित हो जाता है …..और बीज टूटने प

एक शक्ति

27 अप्रैल 2022
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एक दूसरे से मिलना केवल संजोग नहीं :.. अब तक आप ना जाने कितने ही लोगों से मिल चुके होंगे और यकीन मानिए अभी यह संख्या और ज्यादा बढ़ने वाली है। इनमें से ज्यादातर लोग तो बस आपके जीवन में आए और गए हों

प्रार्थना

27 अप्रैल 2022
0
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अनुभव करो कि समस्‍त आकाश तुम्‍हारे आनंद-शरीर से भर गया है। सात शरीर होते है। आनंद-शरीर तुम्‍हारी आत्‍मा के चारों और है। इसलिए तो जैसे-जैसे तुम भीतर जाते हो तुम

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