Manju
शब्दों का कोई मोल ना बंदे शब्द है अनमोल, रे नाप तोल के बोल तू बन बड़े अनमोल रे़ सोच समझ के बोल तू बंदे शब्द है अनमोल रे
प्रार्थना
🔴"यदि आप किसी चीज़ के लिए प्रार्थना करने के लिए प्रार्थना करते हैं, तो यह प्रार्थना नहीं है। जब आप किसी चीज़ के लिए उसे धन्यवाद देने के लिए प्रार्थना करते हैं, तभी वह प्रार्थना होती है। प्रार्थना हमेशा एक धन्यवाद होती है। यदि आप कुछ मांगते हैं, तो प्
प्रार्थना
🔴"यदि आप किसी चीज़ के लिए प्रार्थना करने के लिए प्रार्थना करते हैं, तो यह प्रार्थना नहीं है। जब आप किसी चीज़ के लिए उसे धन्यवाद देने के लिए प्रार्थना करते हैं, तभी वह प्रार्थना होती है। प्रार्थना हमेशा एक धन्यवाद होती है। यदि आप कुछ मांगते हैं, तो प्
दो नयना
तेरे दो नयना, देखे मुझे ऐसे जैसे इनको है कुछ कहना | कहने को कुछ है है नहीं तेरी आंखो की भाषा, जो थी वो पहले से पड़ ही ली दिल तेरा अब है ही नहीं साया मेरा ही रहा अब सोच मत इतना भी यहीं देकर तूने एहसान ये किया जो मेरा था ही नहीं जो मेरा था ही नहीं
दो नयना
तेरे दो नयना, देखे मुझे ऐसे जैसे इनको है कुछ कहना | कहने को कुछ है है नहीं तेरी आंखो की भाषा, जो थी वो पहले से पड़ ही ली दिल तेरा अब है ही नहीं साया मेरा ही रहा अब सोच मत इतना भी यहीं देकर तूने एहसान ये किया जो मेरा था ही नहीं जो मेरा था ही नहीं
कविता रंग
रंग दे तू अपने ही शब्दो के परे बिखरे रंग तेरे हर शब्द से छिटके वो रंग तेरे हर शब्द से ऐसा वो रंग हो बिन कहे वो संग हो शब्दो के अहसास से परे शहद की मिठास से परे कुछ बिखर कर देखना कुछ निखर कर देखना आंखो से ओझल भी न हो और नजरो में शामिल भी ना हो खुमार
कविता रंग
रंग दे तू अपने ही शब्दो के परे बिखरे रंग तेरे हर शब्द से छिटके वो रंग तेरे हर शब्द से ऐसा वो रंग हो बिन कहे वो संग हो शब्दो के अहसास से परे शहद की मिठास से परे कुछ बिखर कर देखना कुछ निखर कर देखना आंखो से ओझल भी न हो और नजरो में शामिल भी ना हो खुमार
कुदरत का नियम
जरा सा तुम झुक जाओ जरा सा तुम रुक जाओ देखना फिर एक दिन अभिमान तुम्हारा मिट जाएगा स्वाभिमान कहीं नहीं जाएगा जरा जरा सा झुक जाना तुम गरुर बस मिट जाएगा कोई जब तुम अपने कदमों में झुक जाना झुकने का कभी अभिमान ना आ पाएगा मिट जाना है सब एक दिन है
कुदरत का नियम
जरा सा तुम झुक जाओ जरा सा तुम रुक जाओ देखना फिर एक दिन अभिमान तुम्हारा मिट जाएगा स्वाभिमान कहीं नहीं जाएगा जरा जरा सा झुक जाना तुम गरुर बस मिट जाएगा कोई जब तुम अपने कदमों में झुक जाना झुकने का कभी अभिमान ना आ पाएगा मिट जाना है सब एक दिन है