भाग 1 दुल्हन
विकास की आज ही शादी हुई है ,पूरा घर रिश्तेदारियों से भरा है , कहीं उसके फूफा किसी बात पर बहस कर रहे हैं , तो कही उसके बड़े मौसा अपना बखान करने में लगे हैं ,तो कही उसकी बहन अपने मिले हुए गिफ्ट की नुमाइश कर रही है ,सभी अपने अपने कामों में व्यस्त भी हैं और मस्त भी, पूरी रात शादी का कार्यक्रम चला ,सुबह 5 बजे बारात की बिदाई हुई ,और फिर घर आकर वहां की विधियां निपटने के बाद जिसको जहां मौका मिला गिर पड़ा था सभी दो दिन से लगातार नाच गाने में व्यस्त थे, और आज सुबह सुबह सभी पस्त होकर सो गए ,दुल्हन निशा बेचारी भी एक कमरे में अपनी छोटी बहन के साथ सो गई थी एक तो रात भर का जागरण फिर रोना धोना उसके सर में दर्द सा होने लगा था तो उसकी चोटी बहन स्वेता ने उसकी ननद से बोलकर एक सर दर्द ठीक करने की गोली मांगी जो की करीबन हर घर में मिल ही जाती है, वह गोली खाकर वह भी सो गई थी, और दोपहर बाद सभी उठने लगे थे ,शाम की पूजा थी पंडित जी का फोन आगया था कि वह थोड़ी देर में पधार रहे हैं,सब फटाफट पूजा की तैयारी में लग जाते हैं ,विकास की मां बहु को एक साड़ी देकर पहनने के लिए कहती है, *"!
विकास एक मेडिकल कम्पनी में मार्केटिंग हेड है, उसका पैकेज भी बहुत अच्छा है ,करीब 18 लाख का है, अभी तो एक साल ही हुए उसे ज्वॉइन किए, वैसे उसे कई नई कंपनियों के ऑफर आए हैं और भी अच्छे पैकेज के साथ ,पर उसका मानना है की दस जगह मुंह मारने से अच्छा है,एक जगह टिक कर काम किया जाए, उसकी नौकरी लगने के बाद से ही उसके लिए रिश्तों की लाइन लग गई थी ,पर यह शादी उसके फूफाजी के जरिए तय हुई थी ,लड़की का बाप भी फूफा जी के दूर के रिश्ते में ही था ,अच्छा परिवार था ,लड़की भी टीचर थी और सरकारी स्कूल में ज्वाइन भी कर लिया था, और उनके घर के पास ही वह पढ़ाती थीं ,और सुंदर भी थी तो अधिक समस्या नही हुई शादी तय हाेने में,*"!
विकास जब लड़की देखने गया था तो ,उसे निशा बहुत ही शर्मीली और संस्कारी लगी थी ,वैसे भी फूफा जी ने उसे पहले ही निशा के बाते में बता दिया था की इसी कॉलोनी के स्कूल में पढ़ाती है ,और फोटो भी दिखा दिया था तो वह और उसकी छोटी बहन माया उसे दूर से देख भी लिए थे ,बल्कि माया तो उस से टाइम पूछने के बहाने थोड़ी बातचीत भी कर ली थी, उसने तो उसे पास कर दिया था,विकास जब उसके घर गया तो वह जब अकेले में बात करने के लिए मिले तो विकास ने उस से खुलकर पूछा कि *"आप मुझे पसंद करे तो ही हां बोलिएगा अन्यथा कुछ और बात हो तो मुझे अभी बता दो तो मैं अपनी ओर से ना कह दूंगा ,ये जिंदगी भर का रिश्ता है *"! , वह कुछ नही बोलती है सिर्फ इतना कहती हैं ,*" मुझे सब मंजूर है,*"!!
घर में पूजा हो रही थी ,पंडित जी के मंत्रो उच्चार की आवाज सुनाई दे रही थी , दोनो पति पत्नी पूजा में बैठे थे ,कुछ लोग वीडियो बना रहे थे तो कुछ लोग फोटो खींच रहे थे तो कुछ लोगो की खुमारी अभी भी नहीं उतरी थी तो वह बैठे बैठे ऊंघ रहे थे, निशा लाल रंग की सिल्क के साड़ी में बहुत ही सुंदर लग रही थी ,सबसे अधिक खुश तो विकास की मां रेखा थी ,इतनी सुंदर बहु पाकर , फूफा जी तो नेग में दो तोले का सोने का चेन लेकर हो माने थे, उनका तो रूआब ही नही मिल रहा था ,सबसे कहते फिर रहे थे ,,*" एक ही भतीजा है उसके लिए तो परी ही ढूढना था तो ढूंढ लाया , *"!
रात हो गई थी ,मुंह दिखाई की रसम भी पूरी हो गई थी ,करीब करीब सभी रिश्तेदार भी पूजा के बाद चले गए थे, केवल फूफा जी को सभी ने रोक लिया था और विकास के मामा और उनका परिवार रुका था उनकी ट्रेन कि टिकट दूसरे दिन की थी ,!!
आज विकास कि सुहागरात थी ,उसके फ्रेंड्स थोड़ी देर पहले ही उसके साथ हंसी मजाक कर के गए थे, कई के मैसेज भी आ रहे थे तो कई ने मैसेज भेज भेज कर उसे इतने एडवाइज भेज दिए थे,उनको पढ़ पढ़ कर उसे हंसी आ रही थी, वैसे वह इस मामले में साफ सुथरा था ,जा ही किसी लड़की से कोई संबंध था और ना ही कोई फ्रेंडशिप थी ,वह शुरू से इस मामले में अलग ही था,बल्कि दोस्त उसका मजाक भी उड़ते थे पर वह हंस कर उनकी बातो को उड़ा देता था,पर आज के लिए वह दोपहर से एक्साइटेड था ,यह उसकी जिंदगी कि एक अहम हिस्सा जो होने वाली थी ,अब वह सिंगल से डबल हो रहा था,और वह पल भी आ गया जब उसके फूफा आकर कहते हैं *" अबे नालायक तु यहां बैठा क्या कर रहा है , जा बेचारी निशा कमरे में अकेली बैठी है , अब तो शादी शुदा हो गया आवारा गर्दी बंद कर और अपनी पत्नी का ख्याल रखना फेरे के समय कसमें खाई थी ना तो उसे जो वचन दिया था उसका पालन करना, *"! फूफा लोग इसी तरह प्यार से हर बात बताते थे, खैर विकास नज़रें नीची किए कमरे कि तरफ जाने लगता है, उसकी हिम्मत इस समय किसी से भी नजर मिलने की नही हो रही थी, वैसे सबकी नजर उसी की तरफ थी जैसे बाली का बकरा जा रहा हो , पीछे से फूफा जी कटाक्ष करते हैं ,*" साले साहब अब लड़का गया आपके हाथ से,*"! सभी हंसते हैं, विकास फिल्मों में बहुत देखता था कि दुल्हन के कमरे में सब लोग ले जाकर दरवाजे से अंदर धकेल कर हंसते हुए दरवाजा बंद करते थे, पर यहां तो सब उल्टा ही हो रहा था, वह दरवाजे पर दस्तक दे कर अंदर जाता हैं ,और दरवाजा बंद करता है, और घूम कर निशा की तरफ देखता है , तो वह उदास सी बेड पर बैठी थी, वैसे भी वह जब से जागी थी पूजा पाठ में बैठी थी या फिर एक कमरे में चुप चाप बैठी मुंह दिखाई की रस्म पूरी करती रही , अभी तो उसे भी फुरसत मिली थी, विकास उसके पास जाकर धीरे से बैठता है ,और उसकी ओर देखता है तो उसे उसकी आंखो में आंसु नजर आते हैं, तो वह परेशान होकर कहता है *",सब ठीक है ना तुम्हारा सर दर्द ठीक है ना , *"! वह चौक कर उसकी ओर देखती हैं और सोचती है सर दर्द के बारे ने इनको कैसे पता चला , पर विकास की चाची तो बाहर किसी को ताने मारते हुए सुना रही थी*" ,अभी आई नही तब तो सर में दर्द शुरू हो गया आगे देखना सबके सर का दर्द बन जायेगी ,बहुत् सुंदरता पर उछल रही हैं ना जैसे स्वर्ग की अप्सरा लाई हैं , *"! निशा विकाश को देखे बिना धीरे से कहती है *" जी ठीक है ,पर एक प्रोब्लम है ,*"! विकास उसकी तरफ चौंक कर देखता है ,तो वह कहती है, *" सॉरी आज हम सुहागरात नही माना पाएंगे , *"! विकास को तो जैसे धीरे का झटका जोर से लगा था ऐसा लगा जैसे उसके अरमानों पर किसी ने घड़ा भर कर ठंडा ठंडा पानी डाल दिया हो,वह पूछता है ,*" क्या हुआ , थक गई हो ,या कुछ और प्रोब्लम है,**! वह कहती हैं *" जी नहीं जो हर औरत कि प्रोब्लम होती है ,वो पीरियड्स शुरू हो गए हैं अभी थोड़ी देर पहले ,और इस समय मुझे बहुत तकलीफ होती हैं ,अब पांच दिन तक हम कुछ नहीं कर पाएंगे, *"! विकास बेचारा क्या कहता वह मन ही मन अपने किस्मत को कोसने लगा था ,कितने अरमान पाल रखे थे ,उसने सुहागरात के लिए ,उसने तो एक स्पेशल डायमंड रिंग बनवा रखी थी, उसे देने के लिए जो जेब में पड़ी थी, पर उसमे उस बेचारी निशा कि भी क्या गलती थी , ये तो प्राकृतिक है ,उस पर किसी का कोई कंट्रोल नहीं है, वह उसे भी सोने को कहता है और खुद भी एक तरफ सोने का प्रयास करने लगता है ,*"!
सुबह घर में फूफा जी के ठहाके गूंज रहे थे , विकास नहा कर आता है , उसने हनीमून के लिए भी तीन दिन का पैकेज ले रखा था सब कैंसल करवा देता है , फूफा जी देखते ही कहते हैं *" देखो चेहरे की रंगत बता रही हैं जनाब रात भर सोए नही है, *"! इस बात पर उसके मामा बोलते हैं ,*" जीजा जी आप सो गैर थे क्या उस रात,*"?? सभी हंसते हैं ,विकास संभी के पैर छूता है और चुप चाप बाहर चला जाता है , वह बाहर अपनी फिक्स दुकान पर आकर चाय पीते पीते सोचता है कि वह इस तरह बाहर आकर अच्छा नही किया इसमें उसकी कोई गलती तो है नही ,उसे घर में ही उसके साथ रहना चाहिए ,वरना वह उसके बारे में क्या सोचेंगी ,*"! वह फिर से घर में जाता है, *"!
चौथे दिन निशा के पिता और भाई उसे बिदा कराने आते हैं तो विकास परेशान हो जाता है, अभी तो एक दिन बाद उसका सुहागरात होना था और ये लोग लेने भी आ गए उसे अपने ससुर पर बहुत गुस्सा आता है, पर वह जो पारंपरिक विधियां हैं उसके खिलाफ तो जा भी नही सकता था ,वह निशा से कहता है*" यार अपने पापा से कह दो एक वीक के बाद बिदाई करवा लें , *"! वह कहती हैं *" ये सब बड़ों कि बाते हैं उसमे मेरा दखल देना उचित नहीं होगा ,वैसे तो निशा ने सभी का दिल अपने व्यवहार से जीत लिया था , सभी उसकी तारीफ करते नही थकते थे, यहां तक कि विशाल कि चाची भी उसकी तारीफ करने लगी थी,!!