भाग 2
दुल्हन
निशा के पिता कहते हैं *" हम आज ले जा रहे हैं चार दिन बाद आप बिदाई करवा लीजिए उसके बाद तो जब चाहे आएं और जाएं कोई रुकावट नहीं रहेगी , *"! यह सुन विकास को थोड़ा शांति मिलती है ,*"!!
चार दिन बाद विकास और उसके चाचा जा कर निशा को बिदा करके ले आते हैं , आज तो विकास अपने अरमान पूरे करना चाहता था, और निशा का सब कुछ ठीक था ,वह जिस समय का इंतजार 8 दिन से कर रहा था वह आज पूरा होने जा रहा था उसे रात होने का बेसब्री से इंतजार था, वह अब तक दोस्तो से झूठी शान बघार चुका था करता भी क्या अगर सच्चाई बताता तो सब उस पर हंसते,*"!
रात में वह कमरे में जाता है ,निशा कमरे में कपड़े ठीक कर रही थी तो वह पीछे से जाकर उसको पकड़ कर दोनो हाथो से अपनी और खींचता है तो निशा भड़क उठती है और कहती हैं *" ये क्या बदतमीजी है , मुझे छूना मार वरना अच्छा नही होगा,*"! विकास तो एकदम से हक्का बक्का सा खड़ा उसे देखता रह जाता है ,निशा उसे गुस्से से देख रही है,*"! विकास कहता है,*" क्या हुआ मैने कुछ गलत तो किया नही ,*"! निशा कहती हैं ,*" गलत नही किया तो क्या कर रहे थे ,इस तरह किसी लड़की को पीछे से पकड़ कर खींचते हैं,*"! ? विकास कहता है , *" तुम मेरी पत्नी हो कोई राह चलती लड़की नही , *"!? निशा कहती हैं *" वह कोई पत्नी वतनी नही है ,वह तो किसी और से प्यार करती हैं ,और उसी से शादी करना चाहती थी पर घर वालो के डर से कुछ बोल नहीं पाई ,*"!? विकास हतप्रभ सा रह जाता है, और कहता है*" मैने तो तुमसे पूछा भी था कि तुम्हे नही पसंद हो तो बता दो मैं न कह देता *"! वह कहती है*" तुम्हारे ना कह देने से क्या होता ,मेरे पापा दूसरा लड़का देखते ,और तुम कान खोलकर सुन लो अगर मुझे छूने की या पत्नी बनाने का प्रयास किया तो मैं तुम्हारे पूरे परिवार को उत्पीड़न मामले में अंदर करवा दूंगी , मैं एक दो दिन में खुद ही कोई रास्ता निकल कर चली जाऊंगी, *"!! विकास को समझ नही आ रहा था वह क्या कहे और क्या करे !!
विकास और उसके पापा बैठे हैं ,फूफा जी भी थोड़ी देर में भागे भागे आते हैं और पूछते हैं*" क्या हुआ इतनी रात में क्यों बुलाया ,विकास के पापा मनोहर उन्हे सब कुछ बताते है तो वह चौक उठते है,उसी समय वह लड़की के पिता देवमणि को फोन करते हैं तो वह भी इतनी रात को फोन देख परेशान होते है पर जब फूफा महेंद्र उनसे सब बताते है तो वह भड़क उठते हैं और कहते हैं ,*" अभी कल तक तो सभी निशा कि तारीफ कर रहे थे ,अब अचानक वह बुरी कैसे हो गई, में अभी आ रहा हूं,*!!
दरअसल ये सारा खेल निशा का ही था, वह जिस लड़के से प्यार करती थी उसके पिता उसे देख बहुत ही चिढ़ते थे इसलिए वह कभी अपने प्यार का इज़हार नहीं कर पाई ,तो उसने ये प्लान बना लिया था कि वह पिता के बताए हुए रिश्ते को मान जायेगी और बाद में वह किसी बहाने से रिश्ते को तोड़ देगी तो उस से जल्दी कोई शादी नही करेगा तब वह अपने प्रेमी के बारे में बात कर या कोर्ट में जाकर शादी कर लेगी ,उस समय किसी को बोलने कि हिम्मत ही नहीं पड़ेगी सब सोचेंगे कैसे भी मुसीबत टल जाए ,पर उसने ये नही सोचा की उसकी ये गैर जिम्मेदाराना हरकत किसी का घर बरबाद कर सकती हैं, ना जाने कितनी को दुखी कर सकती थी ,पर उसने तो अपने लिए प्रॉपर प्लान बना लिया था,दुनिया जाए भाड़ में, उसके पिता देवमणि भी अपने बेटे के साथ आकर हंगामा मचाने लगते थे, जिस घर में शाम तक खुशियां छाई थी अब जैसे मातम सा छा गया था , देवमणि के आते ही निशा एकदम से बदल गई और विकास और उसके परिवार पर दहेज उत्पीड़न और सेक्सुअल उत्पीड़न का इल्जाम लगाने लगती है ,वह विकास को जानवर कहने लगती है , अपने बचाव के लिए जो भी बोल सकती थी सब कुछ बोल देती है, उसके बाप उसे उसी वक्त घर चलने को कहते हैं ,और इन लोगो भी सुबह पुलिस थाने बुलाने को कह कर जाते हैं , निशा जो कपड़े पहने थी वही पहने हुए जाति है, उनकी चिल्लम चिल्ली आस पड़ोस तक जाती है, सभी की नींद तो खराब होती है पर सभी को एक नया मसाला मिल जाता है, !!!
सुबह पूरे मोहल्ले में खबर हो जाती हैं ,सब अपने अपने हिसाब से कहानियां बनाने लगते हैं, पर कोई ये नही सोचता है कि विकास के परिवार पर क्या बीत रही होगी ,सुबह के दस बजते बजते पालिश की गाड़ी उनके घर के सामने आ जाती है, वह बेचारे अभी एक सदमे से उबर हो नही थे की दूसरी आफत आ गई,बहुत समझने पर भी पुलिस कुछ समक्ष नही पाती है और सभी घर वालो को फूफा जी के साथ ले जाती है, चाची तो जेठ जेठानी को कोसने ही लगती हैं कि उनकी करनी इन्हे भोगनी पद रही है , विकास तो बेचारा अभी तक सदमे से एक शब्द बोल नही पाया था,*!!
सभी हवालात में बंद थे, विकास के कुछ मित्रो को पता चलता है तो ,वह बेचारे भागे भागे आते हैं , मनोहर जी के कुछ मित्र भी आ गए थे ,सभी मिलकर मामला निपटने की कोशिश करते हैं , निशा के पिता देवमणि थोड़े बहुत राजनीतिक भी थे तो वह भी अपना पूरा दबाव बना देते हैं , फिर दोनो तरफ से सुलह की बात होने पर वह अपने पूरे खर्चे के साथ साथ 10 लाख हर्जाना भी मांगते है ,मरता क्या न करता विकास और उसका परिवार बचने के लिए उनकी हर बात मान लेते हैं ,और सब कुछ लुटाकर खुद को जेल जाने से बचाते हैं , !!
फूफा जी तो बेचारे अब शादी करने के नाम से चिढ़ने लगें थे ,पर उन्होंने ऐसे समय पर अपना चैन तो वापस किया ही और जो भी हो सकता था सहायता भी किए , विकास तो अब शादी न करने की कसम खा चुका था उसको सबसे ज्यादा दुख हुआ था ,!! अब भी मोहल्ले वाले सभी लड़की की बात को ही सच मान रहें थे, पर कुछ लोग उनकी बात पर यकीन भी करते हैं पर अब को हो गया था उसका क्या कर सकते थे*!!
कुछ दिनों में ही निशा ने अपने प्रेमी के साथ शादी कर ली,!!!
यह एक सत्य घटना पर आधारित है जो मेरे सामने ही मेरे एक रिलेटिव के साथ हुआ ,घटना के पात्र और नाम बदल दिए हैं,