अगले कुछ दिनों तक ईरा और आर्यन की मुलाकातें रोज़ "कैफे लैवेंड्रो" में होने लगीं। दोनों की दुनिया भले ही अलग थी, लेकिन बातें इतनी होती थीं कि वक्त का पता ही नहीं चलता था। ईरा के लफ़्ज़ और आर्यन के रेखाचित्र जैसे एक-दूसरे के लिए बने थे।
अगले कुछ दिनों तक ईरा और आर्यन की मुलाकातें रोज़ "कैफे लैवेंड्रो" में होने लगीं। दोनों की दुनिया भले ही अलग थी, लेकिन बातें इतनी होती थीं कि वक्त का पता ही नहीं चलता था। ईरा के लफ़्ज़ और आर्यन के रेखाचित्र जैसे एक-दूसरे के लिए बने थे।अगले कुछ दिनों तक ईरा और आर्यन की मुलाकातें रोज़ "कैफे लैवेंड्रो" में होने लगीं। दोनों की दुनिया भले ही अलग थी, लेकिन बातें इतनी होती थीं कि वक्त का पता ही नहीं चलता था। ईरा के लफ़्ज़ और आर्यन के रेखाचित्र जैसे एक-दूसरे के लिए बने थे।
एक दिन ईरा ने मज़ाक में पूछा, "तुम हर वक्त यही स्केचबुक क्यों लेकर घूमते हो? और क्या तुम इसे कभी किसी को दिखाते भी हो?"
आर्यन ने हँसते हुए जवाब दिया, "यह मेरी दुनिया है, और इसे सिर्फ़ खास लोगों के लिए ही खोलता हूँ। वैसे, तुम्हें दिखाने का प्लान है।"
ईरा को आर्यन की बातों में एक अलग सा अपनापन महसूस हुआ। उसने अपने दिल को समझाया कि ये सब बस दोस्ती का हिस्सा है, लेकिन उसका दिल उसकी बात मानने को तैयार नहीं था।
उस शाम, आर्यन ने ईरा को एक ऑफर दिया।
"कैफे की चार दीवारों से बाहर चलें? मैं तुम्हें अपनी फेवरेट जगह दिखाना चाहता हूँ।"
ईरा को थोड़ी झिझक हुई, लेकिन उसने हामी भर दी। आर्यन उसे समुद्र किनारे एक सुनसान जगह पर ले गया। वहाँ एक पुराना पेड़ था, जिसके नीचे उसने पहले से एक बड़ी डायरी छुपा रखी थी।
"यहाँ मैं सबसे ज्यादा वक्त बिताता हूँ। और यह डायरी... इसमें मेरी जिंदगी के वो हिस्से हैं, जो मैंने कभी किसी से साझा नहीं किए।"
ईरा ने धीरे-से पूछा, "तो अब क्यों साझा करना चाहते हो?"
आर्यन ने मुस्कुराते हुए कहा, "शायद इसलिए क्योंकि तुम मेरी जिंदगी में कुछ अलग लेकर आई हो।"
आर्यन ने डायरी खोलकर एक स्केच दिखाया। यह ईरा का था। उसकी बड़ी-बड़ी आँखें, उसके चश्मे का हल्का सा झुकाव, और उसकी सादगी को आर्यन ने कैनवास पर उतार दिया था।
ईरा ने कुछ कहने के लिए होंठ खोले, लेकिन शब्द उसके गले में अटक गए। उसने आर्यन की तरफ देखा और पहली बार उसकी आँखों में खुद को पाया।
"मैं... यह कब बनाया?" ईरा ने धीरे से पूछा।
"उस दिन जब पहली बार तुमसे कैफे में मिला था। तुममें एक अलग सी बात है, जो मुझे खींचती है।" आर्यन ने बिना किसी हिचक के कहा।
ईरा को पहली बार एहसास हुआ कि यह सिर्फ़ दोस्ती नहीं है। लेकिन वो अब भी उलझी हुई थी। वो डरती थी कि कहीं यह सब एक खूबसूरत सपना न हो, जो सुबह होते ही टूट जाए।
समुद्र की लहरों की आवाज़ और हल्की ठंडी हवा ने उस पल को और खास बना दिया। आर्यन ने ईरा से पूछा,
"ईरा, क्या तुम्हें कभी लगा है कि ज़िंदगी कभी-कभी हमें ऐसे मोड़ पर ले आती है, जहाँ हम खुद को खोकर किसी और में ढूँढते हैं?"
ईरा ने बस हल्का सा मुस्कुरा दिया। शायद वो आर्यन को जवाब नहीं दे पाई, लेकिन उसका दिल ज़रूर धड़कने लगा था। यह पहली दस्तक थी उस एहसास की, जिसे वो अब तक नज़रअंदाज़ करती आ रही थी।
क्या ईरा इस एहसास को स्वीकार करेगी? या अपने डर की वजह से इस खूबसूरत रिश्ता बनने से पहले ही टूट जाएगा?
जारी रहेगा...