मे ये शादी तो करलूँगी पर तब जब तुम मुझसे वादा करो के तुम मेरे दोस्त बंन के मेरे साथ हमेशा रहोगे मेरा साथ दोंगे वादा करो ,,, काव्या ने सिसकते हुए अपना हाथ अपने प्रेमी अर्जुन कि और आगे बढ़ाया,,,! अर्जुन आज काव्य से आंखे मिलाने कि हालात मे नहीं था,,, उसने मुश्किल से ये वादा करने के लिए काव्या के हाथ मे अपना हाथ दिया,,, और सिर्फ सर हिला के ही हा कहा,, वो निःशब्द हो। चूका था,, वो वादा कर के तुरत वहां से चला गया और काव्या उसे जाता देख बस अपने मुँह पे हाथ रख के उसे निहारती ही रह गई,,, आज फिर एक मज़बूरी कि वजह से दो प्रेमी अलग हो गए,,, पर उसके पहले वो जब मिले,, तब हालात कुछ और थे बाते कुछ और थी,,, प्यार कुछ और ही था,,,। अपने प्रेमी से दोस्ती निभाना मुश्किल है या आसान,,,??.?वो तो बस वोही बता सकता है,,, जिसने सच मे ये किया हो,,,।
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