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फैशन

17 अक्टूबर 2021

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अक्सर मैंने देखा है कि कई पुरुष कहते हैं कि लड़कियों और महिलाओं को धोती या साड़ी पहननी चाहिए। मॉडर्न कपड़े नहीं। वह कहते हैं कि लड़कियां जींस पहनती हैं टॉप पहनती हैं। ऐसे पुरुष कहते हैं कि पहले की स्त्रियां धोती और ब्लाउज पहनती थी। यह तो भारतीय परिधान था। आजकल की लड़कियां अल्ट्रा मॉडर्न हो गई हैं,लगभग बिगड़ गई हैं जो जींस और टॉप पहनती हैं। 


   परंतु मैं भी कहना चाहता हूं पहले के पुरुष भी धोती और लंगोट पहनते थे। आजकल के अंडर वियर और पेंट कमीज पहनते हैं। मैं तो कहता हूं की धोती और ब्लाउज में तो कमर का हिस्सा दिखता है। टॉप और जींस में तो कमर का हिस्सा नहीं दिखता है। टॉप और जींस धोती और ब्लाउज से तो अच्छा सादा वस्त्र है। 


   शुरू शुरू में हमारे गांव में सलवार और कुर्ता जब शादीशुदा स्त्रियां पहनती थी। तो लोग बुरा नाम उनको रखते थे। लेकिन आज सलवार और कुर्ता साधारण वस्त्र बन गया है। तो कहने का मतलब यह है कि पोशाक कोई भी हो समय के अनुसार बदलती रहती है। और लोगों के विचार भी। 


   परंतु पुरुष हो या स्त्री या अंग दिखाऊ पोशाक नहीं पहननी चाहिए। नहीं तो उनको खुद को कष्ट हो जाता है असामाजिक तत्वों के द्वारा। लेकिन समय के अनुसार पोशाके बदलती रहती हैं, तो हमें थोड़ा लिबरल भी होना पड़ता है। आपकी क्या राय है?
Papiya

Papiya

बिल्कुल सही कहा आपने

18 नवम्बर 2021

4
रचनाएँ
आर्य
5.0
यह एक सुंदर पुस्तक है

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