यह बहुत मजेदार और शिक्षाप्रद पुस्तक है
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रहस्यमई द्वीप भाग 1 मैं इस सुन्दर प्रकृति को बहुत प्यार करता हूं। इसलिए मेरे दोस्त मेरी बहुत इज्जत करते हैं और मेरा कहा मानते हैं। एक बार मैंने एक सुंदर सा द्वीप खरीदा। वह द्वीप बहुत सुंदर था। उ
हम अपने द्वीप में शांति से रहने लगे और बगल वाले द्वीप पर हमने आधुनिक सभ्यता का अंबार खड़ा कर दिया। हालांकि हमने ध्यान रखा कि प्रकृति को इससे कोई भी परेशानी ना हो। पिछली आधुनिक सभ्यता जो कि नष्ट हो गई
चाय वाला इस दुनिया में अकेला था। मेरे आने के बाद उसका दिल लग गया। मैं अक्सर उसकी दुकान में दूध पीता और दूध के पैसे उसको दिया करता। क्योंकि मैं 5 किलो दूध सुबह और 5 किलो शाम को पीता था और बहुत सारे फल
सोने की मूर्ति से सुंदर लड़की बन गई थी। साली के कहते - कहते वह भी मुझे जीजा ही कहने लग गई। अब मेरी दो सालियां हो गई। सोने की मूर्ति से जो लड़की बनी, उसका नाम मैंने सोनाली रख दिया और जो मेरी असली साली