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फिर वही ज़िन्दगी

11 नवम्बर 2021

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ये कैैसी ज़िन्दगी,
कभी घुटन, कभी थकान,
कभी जलन, कभी चुभन,
इक पल की खुशी के बाद
            फिर वही ज़िन्दगी।

ये कैैसी ज़िन्दगी,
न सीखना, न सिखाना,
न समझना, न समझाना
इक पल के सन्नाटे के बाद
             फिर वही ज़िन्दगी।

ये कैैसी ज़िन्दगी,
अपना खून अपना,
पराया खून पराया,
किसी पराये के दरद 
               को नही समझती।
                ये कैैसी ज़िन्दगी।

                     - जूही ग्रोवर 

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