गद्दार नेताओ को जवाब : -
वाह मेरे देश के नेताओ वाह, क्या देश भक्ति निभा रहे हो? मान गए आप लोगो को कि आपके लिए देश धर्म सर्वोपरि है या राजनीति ? ये कोनसी नीति है मेरे दोस्त जो देश की सर्वोच्च सेना की कार्यशेली उनकी बहादुरी के सबुत मांग रही है? क्या आपको अपनी माँ से ये पूछने की हिम्मत है की तुम अपने ही बाप की औलाद हो किसी और की ? आजादी के 69 वर्षो बाद 125 करोड़ की जनता होने के बावजूद भी देश हमारा गरीबी, बेरोजगारी अशिक्षा जैसी बीमारियों से ग्रसित है तो सिर्फ आप जैसे सत्ता के लालची नेताओ की वजह से जिन्हें ये नहीं पता की वो जिस देश का खा रहे है उसे ही बेचने के लिए तुले है? मुझे तो शर्म आती है तुम जैसे तत्पुन्जिये लोगो को नेता कहते हुए है. जिन्हें ये नही पता के आज हमारा देश आर पार की लड़ाई के लिए तैयार है, वर्षो से आतंकवाद के शिकार हुए हमारे सैनिको के बलिदान का बदला लेना चाहता है, देश को सुरक्षित और भयमुक्त बनाने के बजाय तुम लोग ऐसी बयानबाजी कर रहे हो की हमें सबुत दो की सेना ने क्या कार्यवाही की? सच पुछो तो ये सब तुम्हारी घटिया मानसिकता की पहचान है एक तरफ तो तुम लोग सर्जिकल अटैक के लिए सेना को सलाम करते हो दूसरी तरफ सबूत मांग कर पीठ पीछे छुरा भोंकते हो, सच तो यह है की हमारे देश के कुछ भटके हुए लोग तुम जैसो के साथ है, वरना तुम्हारी इतनी औकात नहीं थी की तुम कार्यवाही के सबूत मांगो | यह विडंबना है कि देश के युवा जल्दी ही तुम जैसे लोगो की बातो में आ जाते है तुम लोग उन्हें मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखा कर के उनका ब्रेनवाश कर देते हो. जब तक उन्हें होश आता है तब तक तुम लोग अपना काम कर चुके होते हो. लेकिन देश के युवा जग रहे है उनकी आँखे खुल गई है अब उन्हें पता लग गया है वो अब तैयार हो चुके है तुम्हारा सामना करने के लिए. जल्दी ही वो दिन आएगा जब वो तुम्हे तुम्हारी मानसकिता को जड़ समेत उखाड़ फेंकेंगे जय हिन्द, जय हिन्द की सेना
दिलीप राठौर