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पापा

24 जनवरी 2022

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मां पर मेरा पहला विश्वास थे पापा

परिवार का पूरा आसमान थे पापा

बोलना सीखा तब सबसे आसान शब्द था पापा

अब आप सबसे मुश्किल शब्द बन गये हो पापा

मां से भले संस्कार मिले थे पापा

जीवन जीने के सिद्बात आपसे मिले पापा

जीना कितना मुश्किल है ये अब पता चला पापा

पहले तो  दीप कि हर मुश्किल का हल थे पापा

जीतना मुश्किल आपको सीने से लगना था पापा

उतना मुश्किल हो गया अब आपसे मिल पाना पापा

 लोगो के होते होंगे  आदर्श अभिनेता पापा

दीप के तो आदर्श आप ही  थे पापा

कागज जरूर आंसुओ से भीगा था पापा,

भिगोनो वाले शब्द  ही आपके थे पापा

लिखते वक्त कलम जरूर लड़खड़ाई थी पापा

 ये आपके ना होने की तन्हाई थी पापा

-  गगनदीप पारीक श्री गंगानगर

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