ग़ज़ल 1
प्यार से आजकल प्यार नहीं मिलताजिस तरह दो पैसा उधार नहीं मिलताअमीरी का रंग जहाँ चाहो फेको तुमक़रार वालों से बेक़रार नहीं मिलताछोड़ देते हैं जलने के लिये कहो उनसेतड़पने का दिन बार बार नहीं मिलतामेरी तस्वीर दौलत उनकी खरीद लेतीमगर दिल का तो बाज़ार नहीं मिलताज़मी हिलती