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गिला सलमान ख़ान से नहीं, उनसे है जो रेप्ड वूमेन सुनकर खिलखिलाते हैं!

22 जून 2016

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सलमान ख़ान फिर विवादों में हैं। इस बार जनाब अपने एक बयान को लेकर निशाने पर हैं, जो बातों-बातों में उनके मुंह से निकल गया लगता है। सुल्तान में कुश्ती के दृश्यों को शूट करते वक़्त सलमान की जो हालत होती थी, उसकी तुलना उन्होंने रेप्ड वूमेन यानि बलात्कार पीड़ित महिला से कर दी। इंटरव्यू में सलमान कहते हैं-

"When I used to walk out of the ring, I would feel like a raped woman."

हंगामा बरपाने के लिए ये स्टेटमेंट मुक़म्मल सामान था, और सोशल मीडिया ने भी निराश नहीं किया। स्टेटमेंट की ख़बर आते ही वर्चुअल वर्ल्ड में सलमान के ख़िलाफ़ बयानों की सूनामी आ गई।

औरत को संपत्ति समझने की मानसिकता रखने वाले हिंदुस्तान में ऐसे बयान अक्सर लोगों के मुंह से निकलते रहते हैं, लेकिन मुंह सलमान का हो, तो बयान बड़ा हो जाता है, और मामला गंभीर। होना भी चाहिए, आख़िर सलमान करोड़ों लोगों के लिए मिसाल जो हैं। लिहाज़ा सलमान के इंटरव्यू का ऑडियो जैसे ही सोशल मीडिया में आया, लानत-मलानत का दौर शुरू हो गया। लोग कह रहे हैं, कि सलमान कभी लोगों को कुचलते हैं, कभी भावनाओं को।

सलमान के  प्रति लोगों का गुस्सा जायज़ है। ख़ासकर ऐसे दौर में जब हम मुद्दों के लिए अतिसंवेदनशील हो गए हैं। ये दीगर बात है, कि हम में से ज़्यादातर की संवेदनाएं सोशल मीडिया के दायरे से बाहर नहीं निकल पाती। ज़ाती ज़िंदगी में हम भी सलमान से कम नहीं हैं। हो सकता है, बयानबाज़ी में सलमान के भी चचा साबित हों। ख़ैर।

सलमान ने जो कहा, उसके लिए उनकी जमकर मज़म्मत की जा रही है। बात संभालने के लिए डैडी सलीम ख़ान माफ़ी मांग चुके हैं। लेकिन मुझे उससे सरोकार नहीं। ना सलमान की तथाकथित भूल से, और ना डैडी की माफ़ी से। मैं उन लोगों के बारे में सोच रहा हूं, जो सलमान के सामने बैठकर रेप्ड वूमेन वाले स्टेटमेंट को सिर्फ़ सुनते ही नहीं, उस पर हंसते- खिलखिलाते भी हैं। गोया सलमान ने कोई जोक बोल दिया हो। मज़ेदार बात ये कि खिलखिलाने वालों में मोहतरमाएं भी शामिल होती हैं। (एक बार ऑडियो फिर सुनें। इस बार सलमान के लिए नहीं, खिलखिलाने वालों के लिए)

अब आप तय कीजिए, अकेले सलमान असंवेदनशील कैसे हो गए? वो, जो सुनकर खिलखिला रहे हैं, बहुत संवेदनशील हैं क्या? जो बात सलमान के सामने जोक जैसी लगती हो, वो बाहर आते ही सनसनीख़ेज़ ख़बर बन जाती है। इसीलिए तो कह रहा हूं, कि हम सब भी 'सलमान' ही हैं, बस मशहूर नहीं हैं।

होना तो ये चाहिए था, कि जो भी मोहतरमाएं इंटरव्यू में मौजूद थीं, उन्हें इस स्टेटमेंट पर उसी वक़्त ऐतराज़ जताना चाहिए था। हो सकता है, सलमान उसी समय अपनी भूल स्वीकार कर लेते। लेकिन इंटरव्यू ऑडियो में विरोध की कोई आवाज़ नहीं आती। हालांकि कुछ लोग बता रहे हैं, कि सलमान ने इस स्टेटमेंट को अन्यथा ना लेने की बात उसी वक़्त कही थी, लेकिन ख़बर तो उस 'अन्यथा' में ही होती है। कैसे छोड़ देते।

बहरहाल, बाक़ी मालमों की तरह ये मामला भी शांत हो जाएगा। सलमान ने इससे हज़ारों गुना बड़े विवादों का सामना सफलतापूर्वक किया है। ये तो पहाड़ के सामने चने के दाने जैसा विवाद है। लेकिन विवाद के इस मौसम में मुझे एक पुरानी घटना याद आ गई।

शाहरूख़-सलमान का झगड़ा तब नया-नया था। सलमान किसी इवेंट से निकलकर जा रहे थे। लोगों की भीड़ के बीच सलमान को उनके अंगरक्षकों ने घेरा हुआ था। इस भीड़ में सलमान का सामना एक महिला रिपोर्टर करती है। सलमान से शाहरूख़ संबंधी कोई सवाल पूछती है। सलमान भड़क जाते हैं। कहते हैं- वाई डू यू केयर? किसी फेनेटिक की तरह सलमान ये वाक्य कई बार रिपीट करते हैं।

रिपोर्टर उनकी आंखों में आंखें डालकर कहती है- बीकॉज़ पीपुल डू केयर।

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