तक्षशिला में एक प्रतिष्ठित गुरुकुल था । एक विद्यार्थी ने वहाँ काफी दिनों तक शिक्षा प्राप्त की । अपना अध्ययन पूरा कर वह घर जाने लगा । जाने से पहले गुरु के पास पहुँचकर बोला, गुरुदेव, अब तो मेरी शिक्षा पूर्ण हो गई । क्या मैं घर जा सकता हूँ ? गुरु बोले, "जा सकते हो, लेकिन जाने से पहले आखिरी कार्य करो । सामने की भूमि पर लगे पेड़-पौधों और औषधियों में से जो काम की न हो और जिनका कोई उपयोग संभव न हो, वे चुनकर ले आओ । विद्यार्थी चला गया, फिर कई दिनों बाद लौटा और गुरु के चरणों में लेट गया ।
उसने कहा, "अब मैं घर ---->>>>>http://thoughtinhindi.blogspot.com/2015/01/blog-post_93.html