संत तिरुवल्लुवर एक बार अपने शिष्यों के साथ कहीं चले जा रहे थे। रास्ते में आने-जाने वाले लोग उनका अभिवादन कर रहे थे। तभी अचानक,एक शराबी झूमता हुआ उनके सामने आया और तनकर खड़ा हो गया।
उसने संत तिरुवल्लुवर से कहा, 'आप लोगों से यह क्यों कहते हैं कि शराब घृणित चीज है, मत पिया करो। क्या अंगूर खराब होते हैं, क्या चावल बुरी चीज है? अगर ये दोनों चीजें अच्छी हैं तो इनसे बनने वाली शराब कैसे बुरी हो गई? '
लोग हैरत से देखने लगे कि संत तिरुवल्लुवर इस पर क्या जवाब देते हैं। संत मुस्कराकर बोले, 'भाई, अगर तुम पर मुट्ठी भरकर कोई मिट्टी फेंके या कटोरा भर कर पानी डाल दे तो क्या इससे तुम्हें चोट लगेगी ?
शराबी ने ना में सिर हिलाया तो संत ने फिर कहा, लेकिन इसी मिट्टी में पानी मिलाकर उसकी ईंट बनाकर तुम पर फेंकी जाए तब ? शराबी बोला......>>>>>>http://thoughtinhindi.blogspot.com/2015/06/blog-post_12.html