हम आजाद हिंद के वासी हैं,
हम देश की आजादी पर गर्वित हैं |
पर यह आजादी आसान ना थी
लाखों वीरों ने प्राणों की आहुति दी
असंख्य वीर बहनों ने लाडले भैया की
राखी वाली कलाई को
देश की रक्षा खातिर कुर्बान किए |
अनेकों वीर माताओं ने
भारत माँ की रक्षा खातिर
अपने कोख उजाड़ दिए |
तब जाकर भारत के हिस्से
यह आजादी आई है |
आज़ादी का पावन पर्व है,
स्वतंत्रता दिवस का मौका है |
इस खास मौके पर आज
स्वतंत्रता के सुंदर मायने को
एक नया आयाम देंगे |
हम आज ये प्रण लेंगे कि
जाति-भेद, भ्रष्टाचार और शोषण से
देश को आज़ाद करेंगे |
जिस दिन ये प्रण पूरी होगी
उस दिन ही अपनी आज़ादी
सही मायने में पूरी होगी |
हम आजाद हिंद के वासी हैं,
हम देश की आजादी पर गर्वित हैं |
- तीषु सिंह ‘तृष्णा’