आप इस कहानी की शुरुआत में ही चार खास किरदारों से मिलेंगे और किस्से और कहानियां इन किरदारों की इर्द-गिर्द ही होंगी - पहली दिशा, दूसरी अनोखी, तीसरी कमला और चौथा सूरज ।
मैं तीषु सिंह ‘तृष्णा’ कभी अपनी कल्पना उभारती हूँ, कभी अनुभव निखारती हूँ, कभी खुद के प्रेम में डूबती हूँ, कभी अहसासों में खोती हूँ, कभी खुद में जोश जगाती हूँ, कभी प्रेरणाऐं ढूँढती हूँ, कभी प्रार्थना में डूब जाती हूँ, कभी वेदनाओं का दर्द निभाती हूँ, क