छह साल बाद यात्रा संस्मरण लिखना न तो आसान है और न ही उत्साहपूर्ण । साढ़े तीन महीने से दुनिया भर में घूमने की पुरानी स्मृतियों के सहारे वक़्त काट रहा था कि पिछले हफ़्ते पुराने काग़ज़ खंगालते खंगालते एक नोट पैड हाथ आ गया । मैं भूल ही गया था कि हंगरी यात्रा के दौरान मैंने कुछ हल्के फुल्के नोट्स बनाए
विश्व के विभिन्न देशों में पूर्वजों का सम्मान दिवस डॉ शोभा भारद्वाज भारत ही नहीं विश्व की हर संस्कृति एवं धर्मों में पूर्वजों को सम्मान दिया जाता हैं हाँ ढंगअलग हो सकता है|भारत की धरती से बौद्ध धर्म मंगोलिया तक पहुँचा था | सम्राट अशोकके पुत्र महेंद्र एवं पुत्री संघमित