प्रिय स्नेही मित्रों जय श्रीकृष्णा
*हल्दी के गुण व दोष*
आज आपको खेत में उगाई गई हल्दी जिसमे भरपूर करक्युमिन व टरमरोन नामक तत्व पाये जाते है के लाभ व दोष बहुत ही सरल शब्दों में बताने का प्रयास कर रहें है।
मित्रों हमारी सनातन संस्कृति के ऋषि-मुनि न केवल ज्ञान-धर्म का प्रचार-प्रसार करते थे,अपितु महान अनुसंधान भी किया करते थे,इसी क्रम में उन्होंने मानव जीवन को निरोगी व दीर्धायु बनाने के लिये कुछ कन्दों को भी हमारे भोजन में शामिल कराया इसमे एक महत्वपूर्ण कंद है **हल्दी**
यह हल्दी केवल भोज्यपदार्थ ही बनकर न रह जाये और इसकी उपयोगिता कम न हो जाये इस कारण इसको हमारी पूजा की थाली से भी जोड़ दिया,अर्थात हमारा कोई भी मंगल कार्य या पूजा इसके बिना अधूरी ही मानी जाती है।
**हल्दी के गुण**
1:- यकृत(लिवर) के बिषैले तत्वों को साफ करती है।
2:- मधुमेह के रोगियों को लाभ पहुँचाती है।
3:-शरीर मे रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
4:-कर्क रोग(कैंसर)से बचाब करती है।
5:- बजन को नियंत्रण करने में सहायक है।
6:- पाचनतंत्र को मजबूती देती है।
7:- शरीर की सूजन को कम करती है।
8:- एंटीबायोटिक व एंटीऑक्सीडेंट तथा एंटीफंगल होती है।
9:- ह्रदय रोगियों को लाभदायक है।
10:- दिमाग को चुस्त-दुरुस्त रखती है।
11:- जोड़ो व नसों के दर्द में लाभकारी है।
12:- मासिकधर्म के दर्द व रक्तस्राव को नियंत्रण करती है।
13:- गठिया रोग में राहत देती है।
14:- खाँसी-जुकाम में लाभकारी है।
15:-चेहरे की त्वचा पर कील-मुहांसों में लाभदायक है।
16:- सोरायसिस रोग में लाभ देती है और प्राकृतिक एन्टीसेफ्टिक है।
17:- बुढ़ापे की प्रकिर्या को धीमा करती है और जल्दी झुर्रियां नही आने देती।
18:- सनबर्न में लाभदायक है।
19:- स्ट्रेच मार्क्स (गर्भावस्था में खुजली या बाद में ढीली हुई त्वचा के निशानों)को धीरे-धीरे समाप्त करती है।
20:- पिगमेंटेशन व कटी-फ़टी एड़ीओ को दमकाकर सुंदरता बढ़ाती है।
21:- प्राकृतिक संसाधनों से उपलब्ध शहद के मिला कर प्रयोग करने पर संजीवनी के समान लाभ प्रदान करती है।
** हल्दी के दोष**
इन लोगो को हल्दी बिना किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक या योग्य वैध के परामर्श बिना नही खानी चाहिए।
किडनी स्टोन वालों को,गर्भवती महिलाओं को,पीलिया के रोगियों को,एनीमिया के रोगियों को,शुक्राणुओं व कीमोथेरेपी करा रहे व्यक्तियों को।
बिशेष:- **हल्दी के गुण-दोषों की अधिक जानकारी के लिये आप 9557782828 पर दोपहर 1 बजे से 2 बजे के बीच विस्तार से चर्चा कर सकते है,इति**
तँत्र-शास्त्रों को जानने वाले जो हल्दी की संजीवन/मारक क्षमता को सिद्ध करना जानते है के लिये अम्बा हल्दी भी उपलब्ध है।
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आपका अपना - पं0 रमाकान्त मिश्र (वकील)
कोइरीपुर सुलतानपुर