22 सितम्बर 2015
बहुत सही कहा अमित जी ।…ज़ुब भी हम किसी के लिए कुछ करते है तो देखने से लगता है की हमने उसके लिए किया ।..par सच ये है की हम खुद के लिए ही करते है ।....usse जो ख़ुशी मिलती है हमें हम us पर गौर क्यों नहीं करते ।…।......bus समझ का फेर है ।…ऽच्च लगा एक सकारात्मक रचना पड़कर
2 अक्टूबर 2015