shabd-logo

विदेशी बहू स्वदेशी संस्कार

15 अप्रैल 2022

25 बार देखा गया 25
empty-viewयह लेख अभी आपके लिए उपलब्ध नहीं है कृपया इस पुस्तक को खरीदिये ताकि आप यह लेख को पढ़ सकें
30
रचनाएँ
कहानी संग्रह
5.0
स्त्री विमर्श पर आधारित लघु कथाओं का संग्रह
1

बिना कुछ कहे सच जीत गया

8 अप्रैल 2022
9
1
4

बिना कुछ कहे सच जीत गया सुचिता की ससुराल में आज पहली रसोई थी अषाढ़ का महीना था आज सुबह से ही रिमझिम फुहारों ने पूरे वातावरण को सोंधी खुशबू से महका दिया था।सुचिता की सास

2

उस रात की कहानी

8 अप्रैल 2022
5
1
1

उस रात की कहानीआज शाम से ही मूसलाधार बारिश हो रही थी बारिश के साथ साथ तेज़ हवाएं भी चल रहीं थीं रह-रह कर बिजली कड़क रही थी बारिश को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे आज

3

रेत का घरौंदा

9 अप्रैल 2022
3
0
0

रेत का घरौंदा (झूंठे रिश्तों से मुक्ति)" मैंने तुमसे क्या कहा था ना, मीरा को बेवकूफ़ बनाकर शीशे में उतारन

4

हाथ की लकीरें

9 अप्रैल 2022
6
0
0

" मां पंडित जी आए हैं"मीनू ने अपने मां से कहा और पंडित जी को बैठने के लिए कहकर कालेज जाने के लिए निकलने लगी। तभी पं

5

मृगतृष्णा

10 अप्रैल 2022
4
0
0

मृगतृष्णामेधा जब घर लौटी तो आज भी दरवाजे पर ताला लगा हुआ था ताला देखकर मेधा गुस्से से भर उठी वह सोचने लगी समीर आज भी नहीं आया जबकि उसने कहा था कि,वह आज ज़रूर लौट आएगा। मेधा ने ताला खोला और

6

प्यार का इज़हार

10 अप्रैल 2022
1
0
0

प्यार का इज़हार" जिस दिल में प्रेम होता है उस मन में मदद की भावनाएं सागर की लहरों की तरह हिलोरें लेती हैं " यह तथ्य इस कहानी की नायिका स्वाति के व्यक्तित्व पर पूर्णरुपेण लागू होती है य

7

ग़लत फैसले का अंज़ाम

11 अप्रैल 2022
1
0
0

गलत फ़ैसले का अंज़ाम " मैंने अच्छी तरह सोच लिया है वैभव मैं यहीं अमेरिका में ही रहूंगी मुझे भारत लौटकर नहीं जाना है जाॅन कह रहा था अगर मैं चाहूं तो कम्पनी में स्थाई रूप से नौकरी क

8

जब दोबारा हाथों में रची मेंहदी

11 अप्रैल 2022
2
0
0

जब दोबारा हाथों में रची मेंहदीराघवेन्द्र जी का घर दुल्हन की तरह सजा हुआ था ग़ुलाब, बेला, चम्पा और मोंगरें के फूलों से पूरा वातावरण महक रहा था उनकी इकलौती बेटी रति

9

अपना गांव अपना देश

12 अप्रैल 2022
1
0
0

अपना गांव अपना देश " तुम भारत क्यों जाना चाहती हो उस देश में क्या रखा है स्वार्थ, बेईमानी,लालच, विश्वासघात के अलावा वहां कुछ नहीं है वहां आज भी लड़कियों को उतनी स्वतंत्रता न

10

डर एक भ्रम

12 अप्रैल 2022
0
0
0

सुहानी बहुत ही हंस मुख बच्ची थी उम्र लगभग 10 साल वह अपनी मां के साथ रहतीं थीं मां के अतिरिक्त उसके आगे पीछे कोई नहीं था पर अपने सरल और हंसमुख स्वभाव के कारण कालोनी के सभी लोग उसे बहुत पसंद करते थे। सु

11

मन में दबी अधूरी ख्वाहिश

13 अप्रैल 2022
0
0
0

मन में दबी अधूरी ख्वाहिश नीरा अपनी अधूरी ख्वाहिश को पूरा करना चाहती थी लेकिन वह जानती थी कि, उसके माता-पिता उसकी उस अधूरी ख्वाहिश को कभी पूरा नहीं होने देंगे नीरा अपने मेडिकल

12

गुलाबी ख़त

13 अप्रैल 2022
0
0
0

गुलाबी ख़तपता नहीं वह सपना था भ्रम!! सलोनी अपने हाथ में पकड़े हुए उस गुलाबी ख़त को बार-बार पढ़ रही थी। उसने अपनी आंखों को अपनी हथेलियों से मला फिर पढ़ने लगी पर ख़त के शब्दों में कोई बदलाव नहीं आय

13

अनचाहे मेहमान ने दी प्यार की सीख

14 अप्रैल 2022
0
0
0

अनचाहे मेहमान ने दी प्यार की सीखसौरभ की कार न्यूयॉर्क की सड़क पर दौड़ रही थी सौरभ को ध्यान ही नहीं था कि वह अपनी ही धुन में कार की स्पीड बढ़ाता जा रहा ह

14

प्यार की दस्तक ( प्यार किया नहीं जाता हो जाता है)

14 अप्रैल 2022
4
0
0

प्यार की दस्तक (प्यार किया नहीं जाता हो जाता है)जया जैसे ही ट्रेन में चढी ट्रेन रेंगने लगी उसने अपने भैया (मामा जी के बेटे) को हाथ हिलाकर विदा किया, " जया

15

विदेशी बहू स्वदेशी संस्कार

15 अप्रैल 2022
3
0
0

विदेशी बहू स्वदेशी संस्कार रेवती जी चिंता के साथ-साथ डरी भी हुई थीं जब से उनके बेटे भारत का फोन आया था फोन पर उसने कहा कि, वह अपनी पत्नी लिजा के साथ हमेशा के लिए भारत आ रहा है अब

16

मैं वापस जा रहा हूं

15 अप्रैल 2022
0
0
0

मैं वापस जा रहा हूं " सेजल तेरे पति कहीं दिखाई नहीं दे रहें हैं आज तुम लोगों की शादी की सालगिरह है और पतिदेव पार्टी से नदारद हैं" सेजल की एक सहेली ने सेजल से कहा।" कोई इमरजें

17

तुम्हारा आखिरी संदेश

16 अप्रैल 2022
0
0
0

तुम्हारा आखिरी संदेशबाहर तूफ़ानी रफ़्तार से हवाएं चल रही थी बिजली भी रह-रहकर कड़क रही थी मूसलाधार बारिश के कारण जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था मोबाइल का नेटवर्क भी गायब हो गया

18

अपने देश और अपनो की यादें

16 अप्रैल 2022
0
0
0

अपने देश और अपनो की यादें मिहिर की नींद आज जल्दी ही खुल गई उसे लगा बाहर बारिश हो रही है कमरे की खिड़कियां बंद थीं इसलिए दिखाई नहीं दे रहा था उसने बगल में सो रही अप

19

भूली दास्तां फिर याद आ गई

17 अप्रैल 2022
0
0
0

भूली दास्तां फिर याद आ गईदस दिनों से लगातार बरसता हो रही थी आज जाकर सूर्यदेव ने दर्शन दिए गायत्री जी ने अपने घर काम करने वाली दुलारी की बेटी रानी जो अपनी मां के साथ अकस

20

मैं लौटकर आऊंगा

17 अप्रैल 2022
1
0
0

मैं लौटकर आऊंगामुग्धा के हाथ से रिसीवर छूटकर गिर गया वह स्तब्ध खड़ी रही उधर से हेलो, हेलो की आवाज आ रही थी तभी हाल में मुग्धा का देवर पवन आ गया उसने स्तब्ध मुद्रा में अपनी भाभी को खड़

21

जब मन की सभी आशाएं हुई पूरी

18 अप्रैल 2022
1
0
0

जब मन की सभी आशाएं हुई पूरीआज आराधना की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था उसके चेहरे की मुस्कान उसके मन की खुशी का इज़हार कर रही थी। उसकी आंखों के सामने ऊंचे-ऊंचे प

22

पाणिग्रहण खुशियों की सौगात

18 अप्रैल 2022
1
0
0

पाणिग्रहण खुशियों की सौगात शादी की सभी तैयारी हो गई थी बाहर रिमझिम फुहारों ने वातावरण को खुशनुमा बना दिया था तभी रमेश जी को पंडितजी की आवाज सुनाई दी।" कन्या के माता-पिता को बुलाइए

23

हम साथ साथ हैं

19 अप्रैल 2022
0
0
0

" प्रभास तुम्हें इतना उदास और परेशान नहीं होना चाहिए जिंदगी में उतार चढाव तो आते ही रहते हैं ऐसी स्थिति हमें हमारे साहस और अपनो की पहचान कराते हैं। सामने उन फूलों को देखो कैसे मुस्कुराते हुए अप

24

वापसी

19 अप्रैल 2022
0
0
0

" प्रभास तुम्हें इतना उदास और परेशान नहीं होना चाहिए जिंदगी में उतार चढाव तो आते ही रहते हैं ऐसी स्थिति हमें हमारे साहस और अपनो की पहचान कराते हैं। सामने उन फूलों को देखो कैसे मुस्कुराते हुए अप

25

दहेज का दानव

20 अप्रैल 2022
1
0
0

दहेज का दानव " उसने अद्वैत से पूछ ही लिया कि आखिर मुझमें क्या कमी है जो तुम मुझे ठुकराकर मोना से शादी कर रहे हो"?? " सच ममता मैं तो रमा के साहस को देखकर दंग रह गई रमा ने पूरी महफ़िल के सामने यह प्रश्न

26

जिम्मेदारियों का अहसास

20 अप्रैल 2022
0
0
0

जिम्मेदारियों का अहसास " जिम्मेदारियों ने समय से पहले ही रिया को बड़ा बना दिया है" रिया की मां सुनीता जी अपनी भाभी कुसुम से कह रही थीं उसी समय रिया पूरी तरह पानी में भीगी हुई घर के अन्दर दाखिल ह

27

समय का मरहम

21 अप्रैल 2022
0
0
0

समय का मरहम " समय हर घाव भर देता है और हिम्मत भी देता है समय के साथ यह घाव भी भर जाएगा मैं जानती हूं कि,तुम पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। क्योंकि तुम एक मां हो जिसकी बेटी के हाथों की मेहं

28

उस शाम की बरसात

21 अप्रैल 2022
1
0
0

शांभवी टैक्सी स्टैंड पर खड़ी टैक्सी का इंतज़ार कर रही थी।उसे खड़े हुए काफ़ी समय बीत गया था पर अभी तक उसे कोई टैक्सी या आटो दिखाई नहीं दिया था।शाम गहराने लगी थी बरसात का मौसम था आसमान पर

29

जीवन की सीख

22 अप्रैल 2022
0
0
0

जीवन की सीख " इंसान गलती करके ही सीखता है रमा तुमने तो अपनी तरफ़ से अच्छा करने की ही कोशिश की थी तुम्हारी ननद ने तुम्हारी बात का गलत मतलब निकाल लिया तो तुम स्वयं को दोषी क्यों मान रही हो

30

बारिश और लाक डाउन

23 अप्रैल 2022
2
0
0

बारिश और लाकडाउन " करीब चार दिनों से लगातार बारिश हो रही थी प्रेरणा हर दिन की तरह आज भी बालकनी में आई बाहर का प्राकृतिक सौंदर्य देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान फ़ैल गई।सामने पार्क था उसमें विभिन्न प्रकार

---

किताब पढ़िए