अभी भी बहुत कुछ हैं।जो मला गया,वह घागा।जो घिसा गया,वह हीरा। जो गूथा गया,वह माला।जो काटा गया,वह मूर्त।जो तपाया गया, वह सोना।जो जलायी गई,वह बाती।जो नकारा गया,वह राम।जो लूटी गई,वह सीता।जो पीटी गई,वह तलवार।जो चुनी गई,वह ईमारत।जो भगाई गई,वह गंगा। जो बिन पाव चले,वह लक्ष्मी।जिसकी कोई थाह नहीं,वह सागर।