अभी भी बहुत कुछ हैं।जो मला गया,वह घागा।जो घिसा गया,वह हीरा। जो गूथा गया,वह माला।जो काटा गया,वह मूर्त।जो तपाया गया, वह सोना।जो जलायी गई,वह बाती।जो नकारा गया,वह राम।जो लूटी गई,वह सीता।जो पीटी गई,वह तलवार।जो चुनी गई,वह ईमारत।जो भगाई गई,वह गंगा। जो बिन पाव चले,वह लक्ष्मी।जिसकी कोई थाह नहीं,वह सागर।
बिहार की सबसे बड़ी पूजा छठ है. आस्था के महापर्व के नाम से जाना जाने वाला छठ पूरे बिहार में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है. एक बिहारी की पहचान, उसके घर लौटने की वजह, छठ अपने आप में लाखों कहानियां समेटता है. छठ पर्व के आगाज़ की कई कहानियाँ समाज में प्रचलित हैं. रामायण से ल