हिमालय से कलकल करकेनिकलती है माँ गंगापहाड़ों में रास्ता बनातीचलती है माँ गंगा।मनमोहक संगीत सुनातीशुभ्र धारा में बहती माँ गंगाकितने मानव पशु पक्षियों कीप्यास बुझाती है माँ गंगा।पहाड़ों में बलखाती तो मैदा
देवी देवता करते हैं गंगा का गुणगानइसके घाटों पर बसे हैं ,सारे पावन धामगंगा गरिमा देश की ,शिव जी का वरदानगोमुख से रत्नाकर तक ,है गंगा का विस्तारभागीरथी भी इन्हे ,कहता है संसारसदियों से करती आई लोगों का उद्धारशस्य श्यामल गंगा के जल से ,हुआ है ये संसारजन्म से लेकर मृत्यु तक ,करती है सब पर उपकारलेकिन बद
हीरा था, हीरा है देश हमारा।जौहरी पहचान न सका, उस हीरे को जो उसके नजरो के सामने था। हीरा की भी गलती थी, वह भी जौहरी से कह न सका, मैं हीरा हूँ। एक दिन काँच समझ कर जौहरी ने फेंक दिया कूड़े के ढेर में। देर सबेर हीरा एक बच्चे के हाथ मे वह भी उसे उठा लाया कूड़े के ढेर से कंचा समझ कर। लोग आज भी कन्फ्यूज है क
गंगा में विसर्जित अस्थियां आखिर जाती कहां हैं ? बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख अवश्य पढ़े ! पतित पावनी गंगा को देव नदी कहा जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गंगा स्वर्ग से धरती पर आई है। मान्यता है कि गंगा श्री हरि विष्णु के चरणों से निकली है और भगवान शिव की जटाओं में आकर बसी है। श्री हरि और भगवान शिव से घ
गंगा दशहराआज गंगा दशहरा और कल निर्जला एकादशी | गंगा दशहरावास्तव में दश दिवसीय पर्व है जो ज्येष्ठ शुक्ल प्रतिपदा से आरम्भ होकर ज्येष्ठशुक्ल दशमी को सम्पन्न होता है | इस वर्ष तेईस मई को गंगादशहरा का पर्व आरम्भ हुआ था, आज पहली जून को इसका समापन हो रहा है | मान्यता है किमहाराज भगीरथ के अखण्ड तप से प्रसन
अभी भी बहुत कुछ हैं।जो मला गया,वह घागा।जो घिसा गया,वह हीरा। जो गूथा गया,वह माला।जो काटा गया,वह मूर्त।जो तपाया गया, वह सोना।जो जलायी गई,वह बाती।जो नकारा गया,वह राम।जो लूटी गई,वह सीता।जो पीटी गई,वह तलवार।जो चुनी गई,वह ईमारत।जो भगाई गई,वह गंगा। जो बिन पाव चले,वह लक्ष्मी।जिसकी कोई थाह नहीं,वह सागर।
ओ रे मांझी ले चल ओ रे मांझी ले चल मुझे गंगा पार. क्योंकि गंगा तट पर ऋषिकेश में अंग्रेजों के जमाने में बने लक्ष्मण झूला पुल को आवाजाही के लिए सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया है. कहा जा रहा है कि यह ,प
कार्तिकपूर्णिमाआज कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी/पूर्णिमा है और कल गंगा स्नान की कार्तिक पूर्णिमा होगी | अपने बचपन और युवावस्था की कुछ स्मृतियाँ आज जागृत हो आईं | हमारे पितृ नगर नजीबाबाद से कुछ ही दूरी पर बिजनोर के पास नागलसोती गाँव –जहाँ हर वर्ष कार्तिक स्नान तथा गंगा दशहरा के अवसर पर पवित्र गंगा नदी में स
एक भी बून्द साफ नहीं हुई है गंगा | 2014 लोकसभा के चुनव के मोदी जी ने कहा था न तो मैं आया हूं और न ही मुझे भेजा गया है। दरअसल, मुझे तो मां गंगा ने यहां बुलाया है। लोगों को तब लगा था की भारत को ऐसा प्रधानमंत्री मिलने वाला है जो गंगा माँ की सफाई कर के ही रहेगा और जल्दी ही गंगा भी नील नदी
जिस देश में गंगा बहती है: शैलेन्द्रहोठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफ़ाई रहती हैहम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैंजिस देश में गंगा बहती हैमेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता हैज़्यादा की नहीं लालच हमको, थोड़े मे गुज़ारा होता हैबच्चों के लिये जो धरती माँ, सदियों से सभी कुछ
जहन में वो तो ख़ाब जैसा है,वो बदन भी गुलाब जैसा है,, बंद आँखों से पढ़ भी सकता हूँ,,तेरा चेहरा किताब जैसा है,, मेरी पलके झुकी है सजदे में,दिल भी गंगा के आब जैसा है,, हर घड़ी ज़िक्र तेरा करता हूँ,ये नशा भी शराब जैसा है,,अर्पित शर्मा "अर्पित"
आप देशवासियों के लिये अपना पूरा जीवन लगा देने वाले भाई राजीव दीक्षित जी #Youtube Channel से जुड़े ! Subscribe Nowloading...पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने रविवार को ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र की पंचायत मझीण के गांव फकेड़ में नवनिर्मित माधव गो संव