कलयुग में
इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नही।
किसी के आंख के आँशु पोछने
से बड़ा कोई कर्म नही
इंसानियत को खुदगरजो ने कचरे में डाल दिया
घमंड अकड़ और लालच को अपने दामन में पाल लिया
घमंड अकड़ से कुछ नही मिलने वाला
यह बिल्कुल सही है
भगवान के दरबार मे
अच्छे और बुरे
दोनो कर्मो की बहुत बड़ी बही हैं
समय अभी भी थोड़ा बचा है
अपने दिल मे सुधार करो
गरीब लाचार अबलाओं का
कुछ तो तुम उद्धार करो