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जगह जगह भंडारे है और जगह जगह उलल्लास है।क्योंकि आज गणेश जी का बहुत बड़ा त्यौहार हैमहंगे महंगे प्रसाद चढ़ाना जारी हैतेरी नही अब मेरी प्रसाद चढाने की बारी हैइसी होड़ में लोगो की लंबी लंबी कतार हैएक दूसरे क
मम्मी पापा बोलना सबसे पहले उसीने हमको सिखलायाऔर कोई नही वो हमारी हिंदी भाषा ने ही हमको समझायाहिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी को यह भाषा आती हैंइसीलिए यह राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी मानी ज
कलयुग में इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नही।किसी के आंख के आँशु पोछनेसे बड़ा कोई कर्म नहीइंसानियत को खुदगरजो ने कचरे में डाल दियाघमंड अकड़ और लालच को अपने दामन में पाल लियाघमंड अकड़ से कुछ नही मिलन