मंजिल मिले न मिले
ये मुक्कदर की बात हैं !
हम कोशिश भी न करें
ये तो गलत बात हैं ।....
jindgi जख्मों से भ री है
वक्त को मरहम बनाना सिख लो
हारना तो है एक दिन मौत से
फ़िलहाल दोस्तों के साथ
जिंदगी जीना सिख लो ,।.....!!
27 अक्टूबर 2015
मंजिल मिले न मिले
ये मुक्कदर की बात हैं !
हम कोशिश भी न करें
ये तो गलत बात हैं ।....
jindgi जख्मों से भ री है
वक्त को मरहम बनाना सिख लो
हारना तो है एक दिन मौत से
फ़िलहाल दोस्तों के साथ
जिंदगी जीना सिख लो ,।.....!!
सुन्दर रचना |
2 नवम्बर 2015
"हम कोशिश भी न करें ये तो गलत बात है" .... बहुत खूब !
28 अक्टूबर 2015
वाह अति उत्तम
27 अक्टूबर 2015
वाह अति उत्तम
27 अक्टूबर 2015