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किसी का दिल मत दुखाओ

29 सितम्बर 2015

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जिंदगी हर हल में ढलती हैं , जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती हैं, गीले शिकवे कितने भी हो , हर हाल में हसते रहना क्योकि... जिंदगी ठोकरों से ही संभालती है....
अर्चना गंगवार

अर्चना गंगवार

ठोकर ज़िन्दगी को तराशती है ।…खूबसूरत भाव है आपके इनको कागज़ पर बिखरती रहिये .

9 अक्टूबर 2015

मंजू

मंजू

बस छोटीसी सुरवात है दोस्तों

5 अक्टूबर 2015

वर्तिका

वर्तिका

कम शब्दों में सार गर्भित अर्थ! सुन्दर पंक्तियाँ !

5 अक्टूबर 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

चंद पंक्तियों में जीवन के लिए एक अहम् सन्देश ! बहुत सुन्दर !

5 अक्टूबर 2015

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किसी का दिल मत दुखाओ

29 सितम्बर 2015
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जिंदगी हर हल में ढलती हैं ,जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती हैं,गीले शिकवे कितने भी हो ,हर हाल में हसते रहना क्योकि...जिंदगी ठोकरों से ही संभालती है....

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दुःख

29 सितम्बर 2015
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अगर दुसरो के दुःख को देखकर तुम्ह भी दुःख होता हैं..तो समज लेना भगवन ने तुम्हे इंसान बनाकर कोई गलती नहीं कि...

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Aansu ki saja

4 अक्टूबर 2015
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आंसू

5 अक्टूबर 2015
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किसी का दिल मत दुखाओ        उसकेआंसू तुम्हारे लिए सजा     बनसकतेहैं.......... वो ख्वाहिशे अजीब थी ,  सपनेअजीब थे जीने को तेरे प्यार की दौलत मिली थो थी ।..jab तुम नहीं थे उन दिनों हम भी गरीब थे ।....

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जीना सीख लो ।…।..!!

27 अक्टूबर 2015
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मंजिल मिले न मिले ये मुक्कदर की बात हैं ! हम कोशिश भी न करें ये तो गलत बात हैं  ।....jindgi  जख्मों से भ री है वक्त को मरहम बनाना सिख लो हारना तो है एक दिन मौत से  फ़िलहाल दोस्तों के साथ जिंदगी जीना सिख लो ,।.....!!        

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काश....

27 नवम्बर 2015
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काश ,हमारी भी परवाह किसी ने की होती , तो ये दुनिया हमसे रुसवा न होती ,   अगर आता आप जैसा मुस्कुराना हमें , तो हमसे भी किसी ने मोह्हबत की होती ..

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