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झूठ की सच्चाई

4 मई 2022

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कितना मीठा लगता है झूठ जब बोलते हैं हम,
लेकिन झूठ की सच्चाई को जानते नहीं हम,
जब तक बोलते हैं हम ,अच्छा लगता है 
लेकिन जब सुनने को मिले तो जहर लगता है।
बोलते हुए नहीं सोचते कि हमें भी सुत समेत सुनने को मिलेगा ।
जब मिलेगा हमें तो खुद को भी ठगा हुआ सा लगेगा ।

जिंदगी का उसूल है जो हम किसी को देते हैं,
बदले में लौटकर वहीं पाते है ।
झूठ की यही सच्चाई है ,
बोले तो अच्छाई है 
जब सुने तो दिल को चीर दे ऐसी बुराई है ।।

धोखे की पहली ओर आखरी सीढ़ी है ,
ऐसा धोखा जो केवल हम अपनो से पाते हैं।
झूठ की बस यही सच्चाई है ।।

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Pradeep Tripathi

Pradeep Tripathi

सुंदर लेख!

25 मई 2022

भारती

भारती

बहुत ही बढ़िया 👌🏻👌🏻

4 मई 2022

Sukhi . Ss

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4 मई 2022

Thanks mam

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