कहानी और कहती है़,निशानी और कहती है़।
दीवाने लोग कहते हैं,दीवानी और कहती है़।
बताओ सच किसे माने, सभी अल्फाज झूठे हैं,
नज़र से और कहती है, जुबानी और कहती है़।
नजरिया एक सा सबका, यहाँ होता नहीं यारों
बुढ़ापा और कहता है़,जवानी और कहती है़।
दिखावे का चलन ऐसा, चला है़ हर तरफ देखो,
सफर कुछ और कहता है, रवानी और कहती है़।
#बाग़ी