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खबर मिल गई

29 सितम्बर 2021

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बेखबर की खबर मिल गई,
इक नई सी सहर मिल गई।

यूँ मिली है़ नज़र से नज़र,
जिंदगी रहगुजर मिल गई।

इश्क का यूँ तजुर्बा मिला,
हुस्न की इक लहर मिल गई।

थम गईं हैं सभी आंधियां,
धूप में फिर शजर मिल गई।

हुस्न खिलने लगा दिन-ब-दिन,
प्यार की जब महर मिल गई।

#बाग़ी
प्रकाश कुमार"बाग़ी "

प्रकाश कुमार"बाग़ी "

हार्दिक धन्यवाद...💐🙏

11 अक्टूबर 2021

ममता

ममता

बहुत बढिया "प्यार की जब महर मिल गई।

29 सितम्बर 2021

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रचनाएँ
अनकहे अल्फ़ाज़
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यह किताब मेरे 100 बेहतरीन ग़ज़लों का एक खूबसूरत संग्रह है़। आप सबको इस किताब को पढ़ते समय एक अजीब रूमानियत का अहसास होगा।

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