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विरहन

29 सितम्बर 2021

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हंसती होगी वो रोती होगी,
नयनों के मोती खोती होगी।

आती होगी जब मेरी यादें,
तकिये में रख मुँह सोती होगी।

आता होगा जब चाँद गगन में,
बेचैन बहुत वो होती होगी।

वो करने को महसूस छुअन को,
कपड़े मेरे फ़िर धोती होगी।

दूर कहूँ कैसे खुद से उसको,
वो हर पल मुझे संजोती होगी।

#बाग़ी
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रचनाएँ
अनकहे अल्फ़ाज़
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यह किताब मेरे 100 बेहतरीन ग़ज़लों का एक खूबसूरत संग्रह है़। आप सबको इस किताब को पढ़ते समय एक अजीब रूमानियत का अहसास होगा।

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