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कामगार महिला और रोज डे

7 फरवरी 2022

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#रोज डे स्पेशल 


#नजर_और_नजरिया

फरवरी का महीना है प्रेम कि दास्तान का सप्ताह भी होता है पिछले कुछ सालो से इस कदर प्रभावित किया है फरवरी ने खास कर 7 से 14 फरवरी तक कि oyo होटल देखते ही देखते रेस्टोरेंट सामान्य ठहरने कि व्यवस्थित जगह भी अच्छे से अच्छे बिज़नेस मैन भी हैरान है और मजबूरन उनको भी oyo कि टैग लगाना ही पडता है वह इस लिए पारम्परिक कपल्स अपनी श्रद्धा कि पूर्ति कर सके 


इसी बीच एक ग्राऊंड जमीन हकिकत पर नजर पडी हुआ यू कि पता चला आज रोज डे है सभी फेसबुकिये समाझ के विद्वान वाटसफ यूनिवर्सिटीज के विशेषज्ञ दे स्टेट्स दे पोस्ट चारो तरफ फुल ही फूल 

हम भी सुबह के चाय पीने निकले ही थे कि कुछ दुर कंस्ट्रक्शन साइट्स चल रही थी आप यकिन नही मनेगे लगभग 10 लोग 25 ×25 कि एक बिल्डिंग तैयार कर रहे है काम शानदार और तेज तरार मात्र दस लोग हमारा भी खुराफाती दिमाग पता नही कहा कहा चला जाता है उसमे ज्यादातर लेडिज थी हैरानी वाली बात यह है एक लेडिज को देखा उसके दो बच्चे  भी वहा मौजूद थे एक दो साल का एक चार साल का दो साल वाला रो रहा था अब नाजारा देखिए उस औरत को गुस्सा नही आ रहा बल्कि उसे आभास हो रहा यह भुख से रो रहा है उसने अपने एक जगह रखे थैले से सायद पराठे निकाले काफी बडे रोता हुआ लडका धीरे धीरे रोते रोते खा रहा और चुप हो गया औरत दुबारा काम चालू कर दी 

एक लगभग 18 कि लडकी भी उनके साथ थी उसके चेहरे पर सुन्दरता आकर्षण देखे तो सोशल साइट्स पर बदाम दिखाने वाली से कही बेहतर है और वह कडी मेहनत कर रही थी इनका ग्रुप ऐसा है कि इट बालू सीमेंट मसाला बनना किसी एक पर निर्भर नही 

कुदाल फावड़ा हो या बेलचा हो अकेले बालू तसले से उठाना आदत सी बन गई है हैरान रह गए देखकर और शहर कि बात छोडिए आजकल गाव मे भी जो लेडिज नई नई दुल्हन आ रही या घर पर है बैठे बैठे सोते सोते कमर मे दर्द स्किन प्रॉब्लम आदि आदि लगा रहता सुविधाजनक घर मे भी तो सोचिए यह किस मिट्टी के बनी है 

सबसे हैरान वाली बात यह है कि यह ज्यादातर आदिवासी या st sc महिलाए है 

और थोडा दो अक्षर पढ लेने से हम आरक्षण से देश पिछे जा रहा लिखने लगते है यकीनन भारत मे ही नही विश्व मे अगर कामगार महिलाओ कि गणना कि जाए तो वह आदिवासी st sc समुदाय कि 90%  आकाडा इन्ही का है 

और इन महिला लडकिया को रोज डे से नही रोजगार डे मतलब है इनके हौसले इनकी मेहनत ने लिखने पर मजबूर कर दिया 

तमाम योजना बनाने वाले डेवलप करने वाले सचिव अधिकार अगर किसी विशेष वर्ग से ना होकर जिस दिन व्यक्तिगत स्वभाव का व्यक्ति जिम्मेदारी सम्भाले उस दिन भारत के विकसित मजबूत होने से कोई नही रोक सकता 

मेरा व्यक्तिगत सुझाव यह है 

1 इन महिलाओ को कामगार क्षेत्र मे  Pf जोडा जाए जिससे इनके बच्चो का भविष्य उज्जवल हो सके 

2 इनका वेतन और कार्य का समय निर्धारित हो समय पर उपलब्ध हो 

2 इनकी प्रीयेड का विशेष ध्यान रखा जाए और महीने मे चार कि जगह कम से कम 6 छुट्टी निर्धारित हो 

3 इनका कॉन्टेक्टर यह तय करे कि इनकी मानक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध हो 

4 इनके स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाए साथ मे नाजुक स्थिति मे आर्थिक सहायता प्रदान किए जाए

5 उनके बच्चो कि देखभाल आंगनबाड़ी विशेष स्कूल कि एक अलग सर्वे कर देखभाल केन्द्र बनाया जाए 

हम भारत को विश्व गुरू तभी बना सकते है जब कमजोर को मजबूत कर सकते ना कि ध। किसी धर्म पर राजनीतिक कर के 

बाकि फेसबुक वाटसफ समाज को रोज डे मुबारक हो 💐

नोट- यह पहला तस्वीर एक कामगार लेडिज के बच्चा है जो छुपकर रोटी खा रहा है और महिलाओ कि तस्वीर लेना उचित नही है 

आपका अनजान 

✍Daya Shankar

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