29 जून 2015
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हमे शायरी लिखना और पढ़ना बहोत पसंद है । हमारी हॉबी है ये हमारी खुद की भी वेबसाइट है शिखाशायरी.blogspot.com D
“वो छोटी छोटी उड़ानों पे गुरुर नहीं करता जो परिंदा अपने लिये आसमान ढूँढ़ता है
29 जून 2015
शिखा जी, सबसे पहले आपकी कविता के शीर्षक की वाह-वाह ! फिर कविता के क्या कहने...बात दिल से निकली है तो दिलों में उतरेगी ज़रूर !
29 जून 2015