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संस्कृति का महत्व

20 दिसम्बर 2022

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समाज और संस्कृति मानवता के दो आधार स्तम्भ होते हैं। मनुष्य सामाजिक प्राणी है, उसके बिना उसका न केवल विकास अपितु जीवन भी मुश्किल होता है। संस्कृति को मानवीय आदर्शों, मूल्यों, स्थापनाओं एवं मान्यताओं का समूह माना जाता है।  संस्कृति किसी भी देश, समाज या जाति की अंतरात्मा होती है। इसके द्वारा ही उसके समस्त संस्कारोँ का बोध होता है।  संस्कृति ही हमें पशुओं  से भिन्न करती है, एक ऊँचे स्तर पर ले जाती है।  मानव शास्त्र का  इतिहास यह प्रमाणित करता है कि मानव-जाति अपने आरंभिक काल में पशुओं की तरह ही जीवन व्यतीत करता है लेकिन कालांतर में जैसे-जैसे वह प्रकृति और अन्य प्राणियोँ से जुड़ता गया, उसकी बुद्धि विकसित होती चली गयी और उसकी ज्ञान-चेतना जागृत हुई। ज्ञान-चेतना के इसी जागृति ने मानव हृदय में वह उमंग भर दी कि वह विश्व के साथ घुला-मिला और उसने प्रेम का विस्तार किया, जिससे उसकी जीवन-भूमि उल्लास, पवित्रता और सुंदरता से परिपूर्ण हो उठी। मानव की यही उमंग जो धर्म, दर्शन, काव्य और कला बनकर व्यक्त तथा विकसित हुई, उसे ही संस्कृति कहा जाता है। 

मनुष्य जीवन में संस्कृति का क्या महत्व है? इस बारे में डॉ. देवराज ने इसे मानव-मात्र के परम मूल्य के रूप में स्वीकार किया है, जिसका समर्थन करते हुए 'अज्ञेय' लिखते हैं कि ' संस्कृतियां मूल्यों की सृष्टि करते हैं।  ठाकुर रवीन्द्र नाथ इसे ' मस्तिष्क का जीवन ' मानते हैं।  इसे सरल और सटीक शब्दों में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त  'हिन्दू' में लिखते हैं कि- 

युग-युग के संचित संस्कार, ऋषि मुनियोँ के उच्च विचार। 

धीरों-वीरोँ का व्यवहार ऐन निज संस्कृति के श्रृंगार।।

सभ्यता और संस्कृति एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।  इसे सुमित्रानंदन पन्त ने अपनी आस्था कविता में बहुत ही सुन्दर ढंग से समझाया है कि - 

प्रखर बुद्धि से भले 

सभ्यता हो नव-निर्मित 

संस्कृति के निर्माण के लिए 

हृदय चाहिए।  .    '    

 

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रचनाएँ
देश-दुनिया का चिंतन (दैनन्दिनी दिसंबर 2022)
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इस माह दिसम्बर के अंक में प्रस्तुत हैं- राजनीति में भाई-भतीजावाद, देश में व्याप्त प्रदूषण, बेरोजगारी, भारत के युवा और उनमें बढ़ता तनाव, दैनिक जीवन में प्रौद्यौगिकी का प्रभाव, अपने नेता चुनने का तरीका, भारत में बुलेट ट्रेन का विकास, आज की दुनिया में ट्विटर का महत्व, लोकायुक्त कानून, संस्कृति का महत्व, बिजली बिल भुगतान ठगी का तरीका, वैश्विक आतंकवाद आदि विषय पर देश-दुनिया का चिंतन।
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भाई-भतीजावाद

1 दिसम्बर 2022
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बचपन में देश-विदेश के राजा-महाराजाओं की कहानियां सुनने-पढ़ने में बड़ा आनंद मिलता था। जो राजा-महाराजा अपनी प्रजा की खुशहाली और उनके सुख-दुःख की चिंता-फ़िक्र कर राजकाज करते थे, उनकी कहानी पढ़कर मन बड़ा हल्का

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राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस

2 दिसम्बर 2022
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वर्ष 1984 में भोपाल में हुई विश्व की सबसे भीषण औद्योगिक त्रासदी के दौरान हज़ारोँ की संख्या में जान गवाँने वाले मृतकों की याद में प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को 'राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस' (National Pollut

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बेरोजगारी

4 दिसम्बर 2022
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हमारे देश में अनेक विकट समस्याओं में बेरोजगारी भी एक प्रमुख समस्या है।  आज बेरोजगारी का यह आलम है कि जब एक युवा जीवन को नए सिरे से प्रारम्भ करने के लिए हाथ में इंजीनियर, डॉक्टर, वैज्ञानिक, व्याख्याता,

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भारत का युवा

5 दिसम्बर 2022
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कठोपनिषद में युवा उसे बताया गया है, जिनकी ऊर्जा अक्षुण्ण, यश अक्षय, जीवन अंतहीन, प्राकर्म अपराजेय, आस्था अडिग और संकल्प अटल होता है। युवा किसी भी देश के प्राण तत्व, उसकी गति, स्फूर्ति, चेतना और ओज होत

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युवाओं में बढ़ता तनाव

6 दिसम्बर 2022
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स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भले ही हमारे देश ने हर क्षेत्र में प्रगति की हैं, लेकिन नौकरियाँ देने के मामले में आज भी हम बहुत पिछड़े हुए हैं।  युवा वर्ग जब दिन-रात एक करके बड़ी-बड़ी डिग्री हासिल कर उन्

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दैनिक जीवन में प्रौद्यौगिकी का प्रभाव

8 दिसम्बर 2022
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आज की दुनिया इंटरनेट के मजबूत स्तम्भ पर टिकी हुई है, जिसका आधार प्रौद्यौगिकी है। इसके बिना जीवन के किसी भी क्षेत्र में प्रगति करना असंभव है। प्रतिदिन होने वाले नवीन वैज्ञानिक आविष्कार विश्व भर में नई

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चुनाव : अपने नेता चुनने का एक तरीका

10 दिसम्बर 2022
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लोकतंत्र में जनता अपने द्वारा अपने लिए शासकों का चयन करता हैं।  लोकतंत्र में चुनाव द्वारा जनता अपने नेता को चुनता है। अमेरिका के विख्यात राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र को, "जनता के लिए, जनता द्व

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भारत में बुलेट ट्रेन का विकास

14 दिसम्बर 2022
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हमारे भोपाल में तो अभी मेट्रो का काम चल रहा है। शायद १-२ वर्ष बाद कुछ स्थानोँ पर मेट्रो दौड़ने लगेगी। मेट्रो में सफर का मौका दिल्ली जाकर ही मिलता है, क्योकिं वहां आना-जाना लगा रहता है। दिल्ली में अधिका

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आज की दुनिया में ट्विटर का महत्व

15 दिसम्बर 2022
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आज का युग सूचना क्रांति का युग है। इस सूचना क्रांति के आधुनिक दौर में सोशल मीडिया अहम भूमिका के रूप में हम सबके सामने है। एक ओर जहाँ यह   आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक प्रगति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभ

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महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून

19 दिसम्बर 2022
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लम्बे समय से प्रसिद्द समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा महाराष्ट्र सरकार से लोकायुक्त कानून लाने की मांग की जा रही थी। इस कानून को लेकर वर्ष 2016 में भी अन्ना हजारे ने रालेगण सिद्धि में अनशन किया था। तत्समय

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संस्कृति का महत्व

20 दिसम्बर 2022
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समाज और संस्कृति मानवता के दो आधार स्तम्भ होते हैं। मनुष्य सामाजिक प्राणी है, उसके बिना उसका न केवल विकास अपितु जीवन भी मुश्किल होता है। संस्कृति को मानवीय आदर्शों, मूल्यों, स्थापनाओं एवं मान्यताओं का

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बेंगलुरु में बिजली बिल भुगतान घोटाला

23 दिसम्बर 2022
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मुम्बई और दिल्ली के बाद बेंगलुरु भारत का तीसरा सबसे बड़ा शहर और मुंबई, दिल्ली, कोलकाता एवं कानपुर के बाद पाँचवा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। यह देश की अग्रणी सूचना प्रौद्योगिकी (IT) के लिए विख्यात ह

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जिंदगी को क्या कहूं

28 दिसम्बर 2022
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जिंदगी को क्या कहूँ? अतीत का खंडहर या फिर भविष्य की कल्पना! भविष्य की आशा में अटका आदमी उठता, बैठता, काम करता बड़ी हड़बड़ी में भागता रहता कुछ निश्चित नहीं किसलिए? जिंदगी में कितने झूठ बना लेता

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बढ़ते आतंकवाद का विश्लेषण

29 दिसम्बर 2022
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आज भी विश्व का शायद ही कोई ऐसा देश होगा जहाँ किसी न किसी रूप में आतंकवाद देखने को नहीं मिलेगा। यदपि आज विश्व के विकसित देशों के साथ ही विकासशील देशों की एकजुटता के कारण वे आतंकवाद के पर कतरने में बहुत

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लाठी मारने से पानी जुदा नहीं होता है

30 दिसम्बर 2022
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लाठी मारने से पानी जुदा नहीं होता है। हर पंछी को अपना घोंसला सुन्दर लगता है।। शुभ कार्य की शुरुआत अपने घर से की जाती है। पहले अपने फिर दूसरे घर की आग बुझाई जाती है।। दूसरे के भरे बटुए से अपनी

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