मुम्बई और दिल्ली के बाद बेंगलुरु भारत का तीसरा सबसे बड़ा शहर और मुंबई, दिल्ली, कोलकाता एवं कानपुर के बाद पाँचवा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। यह देश की अग्रणी सूचना प्रौद्योगिकी (IT) के लिए विख्यात है, जिसे 'भारत की आईटी राजधानी' या "भारत की सिलिकॉन वैली" के रूप में माना जाता है। चूंकि यह शहर सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्षेत्र में अग्रणी है इसलिए यहाँ के अधिकांश लोग दिन-रात एक जगह पर बैठकर डिजिटल दुनिया में डूबे रहते हैं, जहाँ उनकी जिंदगी बड़ी अस्त-व्यस्त बनी रहती हैं। यहाँ के लगभग हर नागरिक दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुओं से लेकर उनके उपभोग के लिए भुगतान डिजिटली रूप से करते हैं। पिछले दिनों इस शहर में बिजली बिल भुगतान के नाम पर बड़े व्यापक पैमाने पर साइबर ठगी के हज़ारों प्रकरण सामने आये हैं। जहाँ साइबर अपराधियों ने लोगों को जाल में फंसाकर उनके मोबाइल पर बिजली बिल का मैसेज किया और भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काटने की बात करते हुए उनके बैंक एकाउंट खाली कर दिए। इससे बचने के लिए वहां की पुलिस ने लोगों को इनके झांसे में न आने की सलाह दी है तथा समाचार पत्रोँ के माध्यम से भी चेताया है। इस ठगी से बचने के लिए बेंगलुरू इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड ने अपने ग्राहकों को समाचार पत्र, टीवी चैनलों और अपनी वेबसाइट और ट्विटर अकाउंट से सावधान रहने और ठगों से अपने आप को सुरक्षित रखने की अपील की है।
आज यह ठगी के खेल केवल बेंगलुरु में ही नहीं कई महानगरों में देखा जा रहा है। चूंकि आज का युग डिजिटल का युग है, इसलिए आज कई सोशल नेटर्किंग के माध्यम से लोग एक दूसरे को सचेत करते नज़र आ रहे हैं। जिससे काफी हद तक इस पर नियंत्रण रखा जा सका है। पुराने समय के ठगों की कहानी सुनी थी कि वे किसी को ठगने के लिए बड़ी लम्बी-लम्बी यात्राएं तक करते थे और मौका देखकर लोगों को ठगते थे। जो ऐसे लोगों की पहचान नहीं कर पाते थे वे ठगे जाते थे लेकिन आज डिजिटल के दुनिया में ठगी चंद मिनट की बात बनाने और फिर एक क्लिक करने भर से संभव हो चुकी है।