हमारे भोपाल में तो अभी मेट्रो का काम चल रहा है। शायद १-२ वर्ष बाद कुछ स्थानोँ पर मेट्रो दौड़ने लगेगी। मेट्रो में सफर का मौका दिल्ली जाकर ही मिलता है, क्योकिं वहां आना-जाना लगा रहता है। दिल्ली में अधिकांश क्षेत्रों तक मेट्रो पहुँच गयी है। यूँ तो दिल्ली मैट्रों से कई जगह सफर किया लेकिन सबसे ज्यादा रोमांचकारी अनुभव अंडर ग्राउंड रुट पर नई दिल्ली से एयरपोर्ट तक चलने वाली मैट्रो का रहता है। क्योंकि इसका सफर किसी हवाई सफर से कम नहीं होता है। अब सोचती हूँ जब इतना रोमांच मेट्रो में सफर करने से आता है तो बुलेट ट्रेन का सफर कितना रोमांचकारी होगा? अभी तक तो जापान में चलने वाली सबसे तेज बुलेट ट्रेनों के बारे में सुनते आये हैं लेकिन अब जब हमारे देश में वर्ष २०१५ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की घोषणा करते हुए जापानी कंपनी से समझौता किया है और जिस पर अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन का काम पूरी तेजी से चल रहा है, तो उम्मीद है कि इसमें सफर करने का मौका एक दिन मिल ही जाएगा। वैसे हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या यह है कि प्रोजेक्ट की घोषणा तो हो जाती हैं लेकिन काम शुरू होने में ही कई महीने और कभी-कभी तो वर्षभर लग जाता है और फिर उसे पूरा करने में वर्षों-वर्ष इंतज़ार करते रहना पड़ता है। प्रोजेक्ट को पूरा करने की नियत तिथि आगे खिसकती चली जाती हैं। इस बुलेट ट्रेन का भी कुछ ऐसा ही हाल है। वर्ष २०१५ में घोषणा के बाद जहाँ इसे २०२२ तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था वहीँ आज स्थिति यह है कि वर्ष २०२६ तक सूरत से बिलिमोरा तक पहली बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य ही पूर्ण होना का अनुमान है।
निश्चित ही यह मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड बुलेट ट्रेन परियोजना मेक इन इंडिया और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगी और इस प्रोजेक्ट के पूर्ण होने से कौशल विकास के साथ ही क्षेत्र की व्यापारिक और आर्थिक प्रगति के द्वार भी खुलेंगे लेकिन इसके पूर्ण होने की तिथि निरंतर आगे बढ़ते रहने से इसकी लागत में बेतहाशा वृद्धि चिंता का विषय है। इससे जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी से मिलने वाले कर्जे का बोझ भी निरंतर बढ़ता चला जाएगा, जो हमारी आर्थिक स्थिति की कमजोर कड़ी बनती जायेगी। इसके निरंतर विलम्ब होने का कारण कोरोना महामारी और भूमि अधिग्रहण में देरी बतायी जा रही है। जहाँ 90 फीसदी से अधिक जमीन का अधिग्रहण होना बताया जा रहा है लेकिन अभी भी 135 हेक्टेयर से अधिक जमीन जो कि महाराष्ट्र की जमीन है, उसका अधिग्रहण होना बाकी बताया जा रहा है। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूर्ण हों और देश में बुलेट ट्रेन दौड़ाने का सपना साकार हो और देशवासियोँ के साथ ही हमें भी उसमें कभी सफर करने का अनुभव प्राप्त हो सके, इसके लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।