shabd-logo

भारत में बुलेट ट्रेन का विकास

14 दिसम्बर 2022

23 बार देखा गया 23

हमारे भोपाल में तो अभी मेट्रो का काम चल रहा है। शायद १-२ वर्ष बाद कुछ स्थानोँ पर मेट्रो दौड़ने लगेगी। मेट्रो में सफर का मौका दिल्ली जाकर ही मिलता है, क्योकिं वहां आना-जाना लगा रहता है। दिल्ली में अधिकांश क्षेत्रों तक मेट्रो पहुँच गयी है। यूँ तो दिल्ली मैट्रों से कई जगह सफर किया लेकिन सबसे ज्यादा रोमांचकारी अनुभव अंडर ग्राउंड रुट पर नई दिल्ली से एयरपोर्ट तक चलने वाली मैट्रो का रहता है।  क्योंकि इसका सफर किसी हवाई सफर से कम नहीं होता है। अब सोचती हूँ जब इतना रोमांच मेट्रो में सफर करने से आता है तो बुलेट ट्रेन का सफर कितना रोमांचकारी होगा? अभी तक तो जापान में चलने वाली सबसे तेज बुलेट ट्रेनों के बारे में सुनते आये हैं लेकिन अब जब हमारे देश में वर्ष २०१५ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की घोषणा  करते हुए जापानी कंपनी से समझौता किया है और जिस पर अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन का काम पूरी तेजी से चल रहा है, तो उम्मीद है कि इसमें सफर करने का मौका एक दिन मिल ही जाएगा।  वैसे हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या यह है कि प्रोजेक्ट की घोषणा तो हो जाती हैं लेकिन काम शुरू होने में ही कई महीने और कभी-कभी तो वर्षभर लग जाता है और फिर उसे पूरा करने में वर्षों-वर्ष इंतज़ार करते रहना पड़ता है। प्रोजेक्ट को पूरा करने की नियत तिथि आगे खिसकती चली जाती हैं।  इस बुलेट ट्रेन का भी कुछ ऐसा ही हाल है। वर्ष २०१५ में घोषणा के बाद जहाँ इसे २०२२ तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था वहीँ आज स्थिति यह है कि वर्ष २०२६ तक सूरत से बिलिमोरा तक पहली बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य ही पूर्ण होना का अनुमान है।  

निश्चित ही यह मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड बुलेट ट्रेन परियोजना मेक इन इंडिया और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगी और इस प्रोजेक्ट के पूर्ण होने से कौशल विकास के साथ ही क्षेत्र की व्यापारिक और आर्थिक प्रगति के द्वार भी खुलेंगे लेकिन इसके पूर्ण होने की तिथि निरंतर आगे बढ़ते रहने से इसकी लागत में बेतहाशा वृद्धि चिंता का विषय है।  इससे जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी से मिलने वाले कर्जे का बोझ भी निरंतर बढ़ता चला जाएगा, जो हमारी आर्थिक स्थिति की कमजोर कड़ी बनती जायेगी। इसके निरंतर विलम्ब होने का कारण कोरोना महामारी और भूमि अधिग्रहण में देरी बतायी जा रही है। जहाँ 90 फीसदी से अधिक जमीन का अधिग्रहण होना बताया जा रहा है लेकिन अभी भी 135 हेक्टेयर से अधिक जमीन जो कि महाराष्ट्र की जमीन है, उसका अधिग्रहण होना बाकी बताया जा रहा है। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूर्ण हों और देश में बुलेट ट्रेन दौड़ाने का सपना साकार हो और देशवासियोँ के साथ ही हमें भी उसमें कभी सफर करने का अनुभव प्राप्त हो सके, इसके लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।  

 


15
रचनाएँ
देश-दुनिया का चिंतन (दैनन्दिनी दिसंबर 2022)
0.0
इस माह दिसम्बर के अंक में प्रस्तुत हैं- राजनीति में भाई-भतीजावाद, देश में व्याप्त प्रदूषण, बेरोजगारी, भारत के युवा और उनमें बढ़ता तनाव, दैनिक जीवन में प्रौद्यौगिकी का प्रभाव, अपने नेता चुनने का तरीका, भारत में बुलेट ट्रेन का विकास, आज की दुनिया में ट्विटर का महत्व, लोकायुक्त कानून, संस्कृति का महत्व, बिजली बिल भुगतान ठगी का तरीका, वैश्विक आतंकवाद आदि विषय पर देश-दुनिया का चिंतन।
1

भाई-भतीजावाद

1 दिसम्बर 2022
2
4
1

बचपन में देश-विदेश के राजा-महाराजाओं की कहानियां सुनने-पढ़ने में बड़ा आनंद मिलता था। जो राजा-महाराजा अपनी प्रजा की खुशहाली और उनके सुख-दुःख की चिंता-फ़िक्र कर राजकाज करते थे, उनकी कहानी पढ़कर मन बड़ा हल्का

2

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस

2 दिसम्बर 2022
0
4
0

वर्ष 1984 में भोपाल में हुई विश्व की सबसे भीषण औद्योगिक त्रासदी के दौरान हज़ारोँ की संख्या में जान गवाँने वाले मृतकों की याद में प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को 'राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस' (National Pollut

3

बेरोजगारी

4 दिसम्बर 2022
1
9
0

हमारे देश में अनेक विकट समस्याओं में बेरोजगारी भी एक प्रमुख समस्या है।  आज बेरोजगारी का यह आलम है कि जब एक युवा जीवन को नए सिरे से प्रारम्भ करने के लिए हाथ में इंजीनियर, डॉक्टर, वैज्ञानिक, व्याख्याता,

4

भारत का युवा

5 दिसम्बर 2022
1
5
0

कठोपनिषद में युवा उसे बताया गया है, जिनकी ऊर्जा अक्षुण्ण, यश अक्षय, जीवन अंतहीन, प्राकर्म अपराजेय, आस्था अडिग और संकल्प अटल होता है। युवा किसी भी देश के प्राण तत्व, उसकी गति, स्फूर्ति, चेतना और ओज होत

5

युवाओं में बढ़ता तनाव

6 दिसम्बर 2022
1
6
0

स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भले ही हमारे देश ने हर क्षेत्र में प्रगति की हैं, लेकिन नौकरियाँ देने के मामले में आज भी हम बहुत पिछड़े हुए हैं।  युवा वर्ग जब दिन-रात एक करके बड़ी-बड़ी डिग्री हासिल कर उन्

6

दैनिक जीवन में प्रौद्यौगिकी का प्रभाव

8 दिसम्बर 2022
2
6
0

आज की दुनिया इंटरनेट के मजबूत स्तम्भ पर टिकी हुई है, जिसका आधार प्रौद्यौगिकी है। इसके बिना जीवन के किसी भी क्षेत्र में प्रगति करना असंभव है। प्रतिदिन होने वाले नवीन वैज्ञानिक आविष्कार विश्व भर में नई

7

चुनाव : अपने नेता चुनने का एक तरीका

10 दिसम्बर 2022
0
4
0

लोकतंत्र में जनता अपने द्वारा अपने लिए शासकों का चयन करता हैं।  लोकतंत्र में चुनाव द्वारा जनता अपने नेता को चुनता है। अमेरिका के विख्यात राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र को, "जनता के लिए, जनता द्व

8

भारत में बुलेट ट्रेन का विकास

14 दिसम्बर 2022
1
6
0

हमारे भोपाल में तो अभी मेट्रो का काम चल रहा है। शायद १-२ वर्ष बाद कुछ स्थानोँ पर मेट्रो दौड़ने लगेगी। मेट्रो में सफर का मौका दिल्ली जाकर ही मिलता है, क्योकिं वहां आना-जाना लगा रहता है। दिल्ली में अधिका

9

आज की दुनिया में ट्विटर का महत्व

15 दिसम्बर 2022
1
5
0

आज का युग सूचना क्रांति का युग है। इस सूचना क्रांति के आधुनिक दौर में सोशल मीडिया अहम भूमिका के रूप में हम सबके सामने है। एक ओर जहाँ यह   आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक प्रगति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभ

10

महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून

19 दिसम्बर 2022
1
8
0

लम्बे समय से प्रसिद्द समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा महाराष्ट्र सरकार से लोकायुक्त कानून लाने की मांग की जा रही थी। इस कानून को लेकर वर्ष 2016 में भी अन्ना हजारे ने रालेगण सिद्धि में अनशन किया था। तत्समय

11

संस्कृति का महत्व

20 दिसम्बर 2022
0
3
0

समाज और संस्कृति मानवता के दो आधार स्तम्भ होते हैं। मनुष्य सामाजिक प्राणी है, उसके बिना उसका न केवल विकास अपितु जीवन भी मुश्किल होता है। संस्कृति को मानवीय आदर्शों, मूल्यों, स्थापनाओं एवं मान्यताओं का

12

बेंगलुरु में बिजली बिल भुगतान घोटाला

23 दिसम्बर 2022
0
3
0

मुम्बई और दिल्ली के बाद बेंगलुरु भारत का तीसरा सबसे बड़ा शहर और मुंबई, दिल्ली, कोलकाता एवं कानपुर के बाद पाँचवा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। यह देश की अग्रणी सूचना प्रौद्योगिकी (IT) के लिए विख्यात ह

13

जिंदगी को क्या कहूं

28 दिसम्बर 2022
2
4
1

जिंदगी को क्या कहूँ? अतीत का खंडहर या फिर भविष्य की कल्पना! भविष्य की आशा में अटका आदमी उठता, बैठता, काम करता बड़ी हड़बड़ी में भागता रहता कुछ निश्चित नहीं किसलिए? जिंदगी में कितने झूठ बना लेता

14

बढ़ते आतंकवाद का विश्लेषण

29 दिसम्बर 2022
1
5
0

आज भी विश्व का शायद ही कोई ऐसा देश होगा जहाँ किसी न किसी रूप में आतंकवाद देखने को नहीं मिलेगा। यदपि आज विश्व के विकसित देशों के साथ ही विकासशील देशों की एकजुटता के कारण वे आतंकवाद के पर कतरने में बहुत

15

लाठी मारने से पानी जुदा नहीं होता है

30 दिसम्बर 2022
1
2
0

लाठी मारने से पानी जुदा नहीं होता है। हर पंछी को अपना घोंसला सुन्दर लगता है।। शुभ कार्य की शुरुआत अपने घर से की जाती है। पहले अपने फिर दूसरे घर की आग बुझाई जाती है।। दूसरे के भरे बटुए से अपनी

---

किताब पढ़िए