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खेल ये कैसा खेल ज़िंदगी तूने

27 जनवरी 2022

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हर रोज नई किस्से नई कहानी जुड़ते
जाता है मौसम बदल जाते है 
दिन हफ्ते बन जाते है हफ्ते महीने औऱ
महीने सालो में बदल जाते है कोई हस्ते 
रहता है कोई रोते रहता कोई कहता कर्मो
का फल है भुगतना तो पड़ेगा ही 
कभी गमो की सागर में डुबोता है तो 
कभी खुसियो के पलको में झूलता है
बड़ी अजीब अजीब से है खेल रचता ये
ज़िंदगी भी 
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रचनाएँ
ज़िन्दगी तो बड़ा अजीब है
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ज़िन्दगी के कुछ ऐसे पल जो बीत जाते है मगर दिल कुछ कुछ गहरे से छाप छोड़ जाते हैं
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ज़िन्दगी तो बड़ा अजीब है

3 नवम्बर 2021
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<p>कुछ पल ज़िन्दगी के बारे में सोच रही थी मैं सोचते सोचते</p> <p>ज़िन्दगी ही बीत रही है मगर समझ कुछ भी

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ज़िंदगी हसीन हर बार फिर भी

5 नवम्बर 2021
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<div>हमने अपनी कहानी तेरी जुबानी है लिखी</div><div>हस्ते खिलखलाती ज़िन्दगी सी हमारी </div><div>द

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खेल ये कैसा खेल ज़िंदगी तूने

27 जनवरी 2022
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हर रोज नई किस्से नई कहानी जुड़तेजाता है मौसम बदल जाते है दिन हफ्ते बन जाते है हफ्ते महीने औऱमहीने सालो में बदल जाते है कोई हस्ते रहता है कोई रोते रहता कोई कहता कर्मोका फल है भुगतना तो पड़ेगा ह

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खेल ये कैसा खेल ज़िंदगी तूने

27 जनवरी 2022
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हर रोज नई किस्से नई कहानी जुड़तेजाता है मौसम बदल जाते है दिन हफ्ते बन जाते है हफ्ते महीने औऱमहीने सालो में बदल जाते है कोई हस्ते रहता है कोई रोते रहता कोई कहता कर्मोका फल है भुगतना तो पड़ेगा ह

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