ज़िन्दगी के कुछ ऐसे पल जो बीत जाते है मगर दिल कुछ कुछ गहरे से छाप छोड़ जाते हैं
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<p>कुछ पल ज़िन्दगी के बारे में सोच रही थी मैं सोचते सोचते</p> <p>ज़िन्दगी ही बीत रही है मगर समझ कुछ भी
<div>हमने अपनी कहानी तेरी जुबानी है लिखी</div><div>हस्ते खिलखलाती ज़िन्दगी सी हमारी </div><div>द
हर रोज नई किस्से नई कहानी जुड़तेजाता है मौसम बदल जाते है दिन हफ्ते बन जाते है हफ्ते महीने औऱमहीने सालो में बदल जाते है कोई हस्ते रहता है कोई रोते रहता कोई कहता कर्मोका फल है भुगतना तो पड़ेगा ह